Varanasi : प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। दीवाली (Diwali) के ठीक दो दिन पहले धनतेरस (Dhanteras) का पर्व मनाने की परंपरा है। इस साल तिथियों के संयोग के कारण 23 अक्टूबर को यह पर्व मनाया जाएगा। वहीं वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप स्थित मां अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा के पट धनतेरस पर शुभ नक्षत्र में खुलेंगे। बता दें कि इस स्वर्णमयी प्रतिमा के पट साल में सिर्फ चार दिन खुलते है, जिसके दर्शन के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
इस वर्ष धनतेरस पर बन रहा बड़ा शुभ योग
काशी अन्नपूर्णा अन्नक्षेत्र की दूसरी शाखा के सभागार के महंत शंकर पूरी ने बताया कि इस वर्ष भी धनतेरस पर बड़ा शुभ योग बन रहा है, देश में समृद्धि रहेगी, कोष भरा रहेगा। उन्होंने बताया कि अभिजीत मुहूर्त के भोर में पूजन व आरती के बाद मां के खजाने की पूजा-पाठ कर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पट खोल दिए जाएंगे।
सूर्य ग्रहण के कारण पांच घंटे बंद रहेगा पट
वहीं सूर्य ग्रहण को देखते हुए दोपहर 2 बजे से शाम 7.30 तक पूरे साढ़े पांच घण्टे माता का पट बन्द रहेगा। उसके बाद विधि विधान से पूजन कर भक्तों के लिए पट खोल दिया जाएगा। भोग आरती के समय दोपहर 12 बजे तक दर्शन होंगे। आधे घंटे बाद शुरू होने वाले दर्शन-पूजन रात 11 बजे तक चलेंगे।
भक्तों को बांटा जाएगा चाँदी का खजाना
महंत शंकर पूरी ने आगे बताया कि इस बार धनतेरस के दिन भक्तों को चाँदी का खजाना भी प्रसाद रूप में मिलेगा। मंदिर प्रबन्धक ने बताया कि सुरक्षा बाबत कैमरों की संख्या बड़ा दी गई है जिसके लिए कंट्रोल रूम बना है सभी गतिविधियों और सभी जगह निगरानी रहेगी। जगह-जगह सेवादार तैनात रहेंगे जिससे दिव्यांग व बुजुर्ग भक्तों को माता का दर्शन करने में समस्या न हो।