वाराणसी। महिलाओं को लेकर अपनी अलग सोच और फ़िक्र रखने वाले इटावा के मशहूर मौलाना जर्जिस अंसारी (Maulana Jarjis Ansari) को वाराणसी की फास्टट्रैक कोर्ट ने गुरुवार को दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के मामले में 10 साल की सजा सुना दी। मौलाना जर्जिस महिलाओं को लेकर हेट स्पीच देने के लिए जाना जाता है और मुस्लिम औरतों पर सेक्स और उससे जुड़े मसायल (मुद्दे) पर अपनी बेबाक राय के लिए भी पसंद किया जाता है।
कर चुका है PM और गृहमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी
मौलाना जर्जिस अंसारी खुद को इस्लामिक उपदेशक होने का दावा करते है। मौलाना का कहना है कि हम इस्लाम के गुणों के बारे में लोगों को अवगत कराना चाहते हैं और मुसलमानों को इस्लाम की सच्ची शिक्षा से अवगत कराना चाहते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर वर्ष 2019 में मौलाना जर्जिस अंसारी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके अलावा उसने धमकी दी थी कि उसे देश से बाहर निकालने की कोशिश हो रही है। अगर ऐसा हुआ तो वह देश के कोने-कोने में जिहाद करेगा।
साल 2016 में दर्ज हुआ था वाराणसी में दुष्कर्म का केस
गुरुवार को सजा सुनने के बाद भी दुष्कर्मी मौलाना जर्जिस मुस्कुराता रहा और हाईकोर्ट जाने की बात कही। बता दें की समाज के करीब 5 लाख से अधिक लोग इस दुष्कर्मी को सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं। वाराणसी की एक महिला ने साल 2016 में यह केस दर्ज कराया था। अभी हाल ही में मौलाना जर्जिस अंसारी (Maulana Jarjis Ansari) के द्वारा महिलाओं और अनुसूचित जाति को लेकर ऐसा बयान दिया है, जिस पर नेशनल कमीशन ऑफ शेड्यूल कास्ट (NCSC) ने कड़ी ऐतराज जताया था और यूपी सरकार को कार्रवाई के लिए भी कहा था।
वाराणसी के फैसले के विरोध में जायेगा हाईकोर्ट
वाराणसी न्यायालय ने उसपर 10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। पत्रकारों से बातचीत में उसने कहा कि उसे फसाया गया है और हाईकोर्ट में वह अपनी अर्जी डालेगा। मौलाना की पहचान महिला से साल 2013 में वाराणसी आने पर हुई थी यहां तकरीर के सिलसिले से आया था।