वाराणसी की जिला अदालत में मंगलवार को ज्ञानवापी मस्जिद केस की फिर सुनवाई होगी। मुस्लिम पक्ष की तरफ से अपनी दलीलें पेश की जाएंगी। शृंगार गौरी ज्ञानवापी मामला स्वीकार करने योग्य है कि नहीं इसे लेकर मुस्लिम पक्ष जिला जज की अदालत में अपनी बात रखेगा। सुनवाई से पहले हिंदू पक्ष ने ट्रस्ट बनाने का ऐलान किया है जो इस आगे की रणनीति व दशा-दिशा तय करने का काम करेगा।
बता दें कि मुस्लिम पक्ष ने गत चार जुलाई को भी अपना पक्ष रखा था। हिंदू पक्ष के कुल 33 बिंदुओं पर मुस्लिम पक्ष अपने तर्क दे रहा है। अभी अदालत में केस की मेरिट पर सुनवाई हो रही है। मुस्लिम पक्ष की जिरह पूरी हो जाने के बाद हिंदू पक्ष अपना जवाब पेश करेगा। हिंदू पक्ष कोर्ट को यह बताएगा कि यह केस सुनवाई योग्य क्यों है।
दलीलों को सुनने के बाद दर्शन-पूजन और देवी-देवताओं के विग्रहों को सहेजे जाने की मांग पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट आदेश सुनाएगी। आज मुस्लिम पक्ष को एक बार फिर से बोलने का मौका दिया जाएगा और माना जा रहा है कि इसके बाद हिंदू पक्ष उनकी दलीलों का काउंटर करेगा। दोपहर 2 बजे के बाद सुनवाई शुरू होगी।
इस प्रकरण में विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन ने अपनी संस्था को अलग करके सेपरेट कानूनी लड़ाई आगे बढ़ाने की तैयारी की है। वहीं सारे कानूनी मामलों को एक साथ आगे बढ़ाने के लिए हिंदू पक्ष की तरफ से भी सोमवार को एक नया ट्रस्ट तैयार कर दिया गया है। इस ट्रस्ट का नाम श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास ट्रस्ट रखा गया है।