Varanasi : सिगरा थाना क्षेत्र के जयप्रकाश नगर में बीते अक्टूबर माह में भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह (Pashupatinath Singh) की राड व लाठी-डंडे से बेरहमी से पीटकर की गई हत्या के मामले में आरोपी बनाये गए मनीष पांडेय की जेल से जमानत पर छूटकर बाहर आने की मंशा पर पानी फिर गया।
बुधवार को जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र का जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आलोक चन्द्र शुक्ला ने जोरदार विरोध करते हुए अपना मजबूत पक्ष रखा जिसके बाद कोर्ट ने उसे जमानत देने से इंकार कर दिया। इस दौरान जिला जज की अदालत में काफी गहमागहमी की स्थिति बनी रही। इस चर्चित हत्याकांड में कुल 17 हमलावर नामजद किए गए हैं।
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अभियोजन पक्ष के डीजीसी (क्रिमिनल) आलोक चन्द्र शुक्ला के अनुसार घटना के अगले दिन 13 अक्टूबर 2022 को हमले में मारे गए पशुपतिनाथ सिंह के पुत्र रुद्रेश कुमार सिंह ने सिगरा थाने में तहरीर दी थी कि उसके घर से 20 मीटर की दूरी पर सरकारी देशी और अंग्रेजी शराब का ठेका संचालित है। 12 अक्टूबर 2022 बुधवार की शाम चंदुआ छित्तूपुर निवासी 307 गैंग का सरगना मन्टू सरोज व राहुल सरोज पुत्रगण अनूप सरोज अपने दो अन्य साथियों के साथ ठेके पर शराब पीने के दौरान आपस में गाली-गलौज करते हुए उपद्रव कर रहे थे।
इस पर उसके भाई राजकुमार सिंह ने मौके पर पहुंच उन्हें ऐसा करने से मना किया जिस पर सभी धमकी देते हुए चले गए। इसके कुछ ही देर बाद ये सभी लोहे की राड व लाठी-डंडे से लैस होकर दोबारा आ धमके और मन्टू सरोज, राहुल सरोज, अभिषेक पुत्र गणेश सरोज के ललकारने पर उसके भाई राजकुमार सिंह को जान से मारने के इरादे से उस पर हमला बोल दिए जिससे वह लहूलुहान होकर अचेत हो गया।
इसकी जानकारी होने पर उसके पिता पशुपतिनाथ सिंह बेटे राजकुमार को बचाने पहुंचे तो हमलावरों ने उनके सिर पर भी राड व हाकी-डंडे से बेतहाशा वार किए जिससे वे मरणासन्न स्थिति में पहुंच गए। इसके बाद सभी हमलावर भाग निकले। सरेराह हुए इस जघन्य कांड के बाद गंभीर जख्मी पशुपतिनाथ सिंह को हास्पिटल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने चेकअप के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया और घायल भाई राजकुमार सिंह को गंभीरावस्था में ट्रामा सेंटर में एडमिट कराया गया।
होश आने पर राजकुमार ने घटना में शामिल अन्य हमलावरों में अभिषेक पुत्र गणेश सरोज, अनूप सरोज, दिनेश पाल, सुरेश सरोज, गणेश, आर्यन उर्फ टमाटर, श्याम बाबू, सूरज, पवन, साहिल, संदीप गुप्ता, रमेश आदि के भी नाम बताए। इस तहरीर के आधार पर थाना सिगरा में इन सभी आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 504, 506, 307, 302 के अलावा 7 क्रिमिनल ला अमे. के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
जिला जज की अदालत में इस जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान आरोपी मनीष पांडेय की पैरवी के लिए बनारस से लगायत बाहरी जिले से भी कुछ अधिवक्तागण मौजूद रहे और पक्ष में अपनी कई दलीलें पेश कीं, जिसके विरोध में अभियोजन के जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आलोक चन्द्र शुक्ला ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पशुपतिनाथ सिंह के मृत्यु का कारण ‘coma as a result of head injury’ अंकित है। अभियुक्त द्वारा कारित अपराध अत्यन्त गंभीर प्रकृति का है जिसको दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्त को जमानत पर रिहा किए जाने का आधार पर्याप्त नहीं है। इस पर कोर्ट ने जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया।