Sunday, December 15, 2024
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वाराणसी के दो होनहार बच्चों ने बनायी एक कमाल की डिवाइस, लैंडस्लाइड के मलबे में दबे जवानों को ढूंढने में करेगी मदद

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वाराणसी के दो होनहार बच्चों ने देश के जवानों के लियें एक कमाल का अविष्कार किया है। जिसकी सहायता से बॉर्डर ऐरिया में लैंडस्लाइड होने पर मलबे में फसें जवानों तक पहुंचने में सेना के अधिकारियों को मदद मिलेगी। इसकी मदद से समय रहते मलबे में फंसे जवानों को बचाया जा सकेगा।

बता दें कि, ये खास डिवाइस आर्यन इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा 8 में पढ़ने वाले दो छात्र दक्ष अग्रवाल और सूरज ने मिलकर तैयार की है। इन दोनों होनहार बच्चों ने आर्मी के जवानों के लियें एक खास (स्मार्ट सोल्जर ट्रेकर घड़ी ) तैयार की हैं, जो बॉर्डर ऐरिया में लैंडस्लाइड होने पर बर्फीले चट्टानों पर मलबे में फंसे जवानों के लापता होने पर समय रहते ही सेना के अधिकारियों को उनतक पहुंचाने में मदद करेगा।

कैसे काम करता है डिवाइस :

बच्चों ने बताया कि यह डिवाइस के दो पार्ट है पहला ट्रांसमीटर जो एक घड़ी की तरह होगा ये घड़ी जवानों के कलाई पे लगी होगी, और दूसरा पार्ट हमारा रिसिवर सिस्टम जो काफ़ी छोटा होगा उसे भी हम मोबाइल की तरह पॉकिट में रख सकतें है। ये रिसिवर डिवाइज जवानों के कंट्रोल रूम में होगा ये दोनों डिवाइज रेड़िओ सिग्नल की मदद से एक दूसरे से जुड़े होते है।

उन्होंने बताया कि अगर कभी जवान के साथ कोई दुर्घटना होती है तो उनके हाथ में लगे स्मार्ट घड़ी के ज़रिये हमें उनतक पहुंचने में आसानी होगी, क्योंकि ये घड़ी एक ट्रांसमीटर की तरह काम करतीं है।

बच्चों ने बताया कि हम मलबे में दबे अपने सोल्जर्स के नजदीक रिसिवर लेकर उन्हें ढूंढ़ते हुए उनके नजदीक पहुंचते है तो हमें उनके घड़ी से रेडियों सिग्नल मिल जाता है, जिससे रिसिवर में लगा अलार्म ऑन हों जाता है और हमें ये पता चल जाता है कि हमारे जवान यही आस-पास हमारे सिग्नल के रेंज में है। जिससे हम आसानी से समय रहते उनतक पहुंच कर मदद कर सकतें है।

डिवाइस तैयार करने में लगा एक हफ्ते का समय

बच्चों ने इस प्रोजेक्ट को अपने स्कूल के (जूनियर कलाम स्टार्टअप लैब ) में तैयार किया है। सूरज ने बताया कि हम लोगों ने अभी इस स्मार्ट सोल्जर घड़ी का एक मॉडल तैयार किया है। जिसकी रेंज करीब 20 मीटर होगी जिसे और भी बढ़ाया जा सकता है। इस स्मार्ट घड़ी का बैटरी बैकअप 3 महीनें का होगा। मॉडल बनाने में दो हजार रुपये का खर्च आया है और करीब एक हफ्ते का समय लगा है। इसे बनाने में बटन सेल 3वोल्ट, रेडियो ट्रांसमीटर रिसिवर, स्विच, घड़ी, रेड एंडीकैटर, मिनी अलार्म, का इस्तेमाल किया है।

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