वाराणसी। गंगा में आई बाढ़ के कारण दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की महाआरती 75 दिनों के बाद मंगलवार को भव्य रूप से विधिवत पूजन-अर्चन और के साथ की गई। सात अर्चकों ने पूरी भव्यता के साथ मां गंगा की आरती की। बता दें कि गंगा के बड़े जलस्तर के कारण माँ भगवती की आरती का स्थान परिवर्तित कर गंगा सेवा निधि कार्यालय की छत पर किया गया था।
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घाट पर लौटी रौनक
आज 74 दिन बाद घाटों पर फिर से घाट पर रौनक दिखी, साथ ही मां गंगा की आरती अपने निर्धारित स्थान पर होने से पर्यटकों व श्रद्धालुओं के चेहरे पर खुशी देखने को मिली। एक बार फिर घाट घण्ट-घड़ियाल से गूंज उठा।
गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी ने बताया कि पूरे 75 दिनों के बाद मां भगवती की संध्याकालीन आरती अपने निर्धारित स्थान पर की गई। उन्होंने बताया कि चार बार मां गंगा का जलस्तर घटा और बढ़ा बीच में संभावना भी बनी कि आरती की, लेकिन फिर से जलस्तर बढ़ गया, लेकिन एक बार फिर से मां गंगा की आरती अपने पुराने स्थान पर हो रही है, जिससे घाट पर रौनक तो लौटी ही और श्रद्धालुओं के चेहरे पर भी एक खुशी देखने मिली।
इस दौरान लोगों ने दीपमालाएं जलाकर घाट को जगमग किया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु व गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव, ट्रस्ट सचिव सुरजीत सिंह आदि मौजूद रहे।