Currency Change Photo : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इंडियन करेंसी पर लक्ष्मी-गणेश जी की फोटो लगाने को लेकर केंद्र सरकार से मांग की है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अगर नोट पर एक तरफ गांधीजी की और दूसरी तरफ लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर होगी, तो इससे पूरे देश को उनका आशीर्वाद मिलेगा। जहां उनके इस मांग की चारो तरफ चर्चा हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर इस पर सियासत भी तेज हो गई है। केजरीवाल के इस बयान को जहां गुजरात चुनाव से पहले ‘हिंदुत्व कार्ड’ के तौर पर देखा जा रहा है, तो वहीं इस बयान के बाद से पूरे देश मे प्रतिक्रियाओं का दौर लगातार जारी है, लेकिन क्या नोटों का डिज़ाइन ऐसे ही किसी के कहने से बदला जा सकता है? नोच पर तस्वीरों बदलने का प्रोसेस क्या है, किसके पास अधिकार है इसे बदलने का और भारत में कब-कब नोटों पर तस्वीरों बदली गई? चलिए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी जानकारी।
जैसा कि हम सभी देखते है भारतीय नोटों में एक तरफ महात्मा गांधी की फोटो छपती होती है तो वहीं दूसरी ओर ऐतिहासिक इमारतों या घटनाओं से जुड़ी फोटो छापी जाती है। वहीं लेटेस्ट इंडियन करेंसी की बात करें तो आपने देखा होगा कि 10 रुपये के नोट पर कोणार्क का सूर्य मंदिर, 20 रुपये के नोट पर एलोरा की गुफाएं, 50 रुपये के नोट पर हम्पी, 100 रुपये के नोट पर रानी की वाव, 200 रुपये के नोट पर सांची का स्तूप, 500 रुपये के नोट पर लाल किला और 2000 रुपये के नोट पर मंगल यान की फोटो छपी हुई है। ये तो हुई वर्तमान करेंसी पर छपी फोटो की, अब जानते है कि करेंसी पर किसकी फोटो छपेगी ये कौन तय करता है।
करेंसी पर फोटो छपने का निर्णय कौन लेता है?
बता दें कि करेंसी पर कौन सा डिज़ाइन और किसकी फोटो छपेगी, ये रिजर्व बैंक का केंद्रीय बोर्ड चर्चा करता है। बोर्ड की सहमति के बाद इसके लिए केंद्र सरकार से अप्रूवल लिया जाता है, वहीं अप्रूवल मिलने के बाद नए नोट छापे जाते हैं और डिज़ाइन की बात करें तो इसका मतलब होता है कि नोट का रंग क्या होगा, इसमें कौन-कौन सी चीज़ें और आर्ट कॉन्टेंट ऐड किए जाएंगे।
अब तक इतनी बार बदल चुकी है करेंसी की डिज़ाइन?
बता दें कि भातरीय इतिहास में अबतक कई बार नोटों के डिजाइन और तस्वीरें बदली गई। 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी, लेकिन गणतंत्र 26 जनवरी 1950 को बना। तब तक रिजर्व बैंक प्रचलित करंसी नोट ही जारी कर रहा था। भारत की आज़ादी के बाद सबसे पहले एक रुपये का नोट जारी किया गया। साल 1949 में आज़ादी से पहले भी एक रुपये का नोट छपता था, लेकिन उसके वॉटरमार्क विंडो में किंग जॉर्ज की फोटो लगी होती थी। 1949 में जब नोट छपा तो किंग जॉर्ज की फोटो की जगह अशोक स्तंभ की फोटो लगाई गई।
1950 में पहली बार 2, 5, 10 और 100 रुपये के नोट छापे गए। इन सभी नोटों पर अशोक स्तंभ की तस्वीर छापी गई, फिर 1953 में नोटों पर हिंदी को प्रमुखता से छापा गया। इसके बाद 1954 में एक हजार, दो हजार और 10 हजार रुपये के नोट फिर से जारी किए गए, लेकिन 1978 में इनकी नोटबंदी कर दी गई, यानी इन्हें चलन से बाहर कर दिया गया।
वहीं साल 1967 से 1979 के बीच अशोक स्तंभ की फोटो वाले 10, 20, 50 और 100 रुपए की करेंसी जारी की गई थी। इस दौरान जारी किए गए नोटों पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी, प्रगति, भारतीय कला के चिन्ह छपे होते थे। साल 1970 में पहली बार सत्यमेव जयते छपे हुए नोट आने शुरु हुए थे।
कब पहली बार नोट पर छपी गांधीजी की तस्वीर
1969 में महात्मा गांधी के 100वें जन्मदिन पर पहली बार करंसी पर महात्मा गांधी की तस्वीर छापी गई।इसमें महात्मा गांधी को बैठे हुआ दिखाया गया था. पीछे सेवाग्राम आश्रम छपा था। 1972 में रिजर्व बैंक ने 20 रुपये और 1975 में 50 रुपये का नोट जारी किया। 80 के दशक में फिर नई सीरीज के नोट जारी किए गए. 1 रुपये के नोट पर तेल का कुंआ, 2 रुपये के नोट पर आर्यभट्ट के उपग्रह की तस्वीर, 5 रुपये के नोट पर ट्रैक्टर से खेत जोतता किसान और 10 रुपये के नोट पर कोणार्क मंदिर का चक्र, मोर और शालीममार गार्डन छापे गए।
996 में रिजर्व बैंक ने कई सारे सुरक्षा फीचर्स के साथ ‘महात्मा गांधी सीरीज’ के नए करंसी नोट जारी किए, तब बैंकनोटों के वॉटरमार्क पर महात्मा गांधी की फोटो वाले नोट चलन में आए और 1996 के बाद चलन में आए सभी नोटों में सामने की तरफ अशोक स्तंभ की जगह महात्मा गांधी की फोटो लगकर आने लगी थी। वाटरमार्क भी बदले गए। इसमें ऐसा फीचर भी जोड़ा गया। जिससे नेत्रहीन भी नोट को आसानी से पहचान सकें। बाता दें कि महात्मा गांधी की फोटो वाले नोटों को शार्ट में MG श्रृंखला वाले नोट भी कहते हैं। 9 अक्टूबर 2000 को आरबीआई ने एक हजार रुपये का नोट जारी किया।
नोटबंदी
8 नवंबर, 2016 की रात 12 बजे अचानक से 500 और 1000 के नोट बंद करने का ऐलान किया गया, जिसके बाद इसकी नई सीरीज अस्तित्व में आई, जिसमें महात्मा गांधी तो थे ही मगर पुरानी सीरीज MG का नाम बदल कर MGNS(Mahatma Gandhi new series) कर दिया गया था। इसके बाद 2 हजार रुपये का नोट जारी किया गया। इसमें भी गांधीजी की तस्वीर छापी गई।
नए नोट आने पर पुराने करेंसी का क्या होता है?
बता दें कि नए नोट छपने पर पुराने नोटों पर असर नहीं होता है। पुराने नोट चलते रहते हैं, आपने देखा होगा कि 10, 20, 50 या 100 रुपये के नए नोटों के साथ-साथ पुराने नोट भी मार्केट में उपलब्ध है। बस ये होता है कि नया डिज़ाइन लागू होने के बाद पुराने डिज़ाइन वाले नोटों की छपाई नहीं होती है पर वो सर्कुलेशन में बने रहते हैं। अब आप सोच रहें होंगे कि फिर 2016 में नोटबंदी हुई तो 500-1000 रूपए के नोट बंद कर दिए गए थे तो फिर हम कैसे ये बात कह सकते है कि नए नोट छपने पर पुराने नोटों पर असर नहीं होता, तो बता दें कि साल 2016 में केंद्र सरकार ने 1000 और 500 के पुराने नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था और उनकी जगह पर 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे, ये नोटबंदी थी जिसकी प्रक्रिया अलग है।
नोटों में लगी महात्मा गांधी की फोटो कब ली गई थी
बता दें कि आप नोटों में महात्मा गांधा की जो फोटो देखते हैं उसे कोलकाता में खींची गई थी। उस समय महात्मा गांधी ने तत्कालीन म्यांमार और भारत में ब्रिटिश सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस के साथ कोलकाता आए थे, वहां स्थित वायसराय हाउस में मुलाकात की थी, यहां पर गांधी जी कि खींची फोटो का पोट्रेट ही नोट पर लिया गया है। तब से नोटों पर हमें राष्ट्रपिता की ही तस्वीर दिखती है।
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