नई दिल्ली। एक बार फिर से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 2 साल बाद अमरनाथ यात्रा शुरू हो रही है। लेकिन यात्रा के शुरू होने से पहले ही श्राइन बोर्ड की तरफ से खाने की कुछ चीजों पर पाबंदियां लगा दी गई हैं। दरअसल, इस साल अमरनाथ यात्रा के दौरान लंगरों में फ्राइड फूड, जंक फूड, स्वीट डिश, चिप्स, समोसे जैसी अनहेल्दी चीजें यात्रियों को नहीं दी जाएंगी।
अमरनाथ यात्रा से पहले सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों का भी जायजा लिया जा रहा है, जिससे किसी भी तरह की अनहोनी को टाला जा सके। बताया गया है कि श्राइन बोर्ड की तरफ से सभी लंगर कमेटियों को एक चिट्ठी लिखी गई है। इस चिट्ठी में कहा गया है कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को हरी सब्जियां, सलाद, मक्के की रोटी, सादी दाल, लो फैट वाला दूध और दही जैसा पौष्टिक भोजन ही दिया जाए।
श्राइन बोर्ड ने इस फैसले से पहले हेल्थ एक्सपर्ट्स की राय भी जानी है, जिनका मानना है कि यात्रियों के स्वास्थ्य की भलाई के लिए पौष्टिक भोजन बेहद जरूरी है। पौष्टिक भोजन से शरीर में ऊर्जा का स्तर बरकरार रहेगा और यात्रियों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। माना जा रहा है कि इस साल सात लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।
अगर श्राइन बोर्ड द्वारा खाने की चीजों पर लगाई गई पाबंदी की बात करें, तो इसमें मांस-मछली और नशे की चीजें जैसे शराब, तंबाकू और गुटखा आदि पर तो हमेशा से ही पाबंदी रहती है। लेकिन इस बार बोर्ड ने अनहेल्दी फूड पर भी रोक लगा दी है। इसमें पुलाव, पूरी, भटूरा, पिज्जा, बर्गर, तले पराठे, डोसा, तली हुई रोटी, ब्रेड बटर, अचार, चटनी, पापड़, नूडल्स शामिल हैं। इसके अलावा, कोल्ड ड्रिंक, हलवा, जलेबी, चिप्स, मठ्ठी, नमकीन, मिक्सचर, पकोड़ा, समोसा और हर तरह की डीप फ्राइड चीजों पर बैन लगा दिया गया है। इसके बजाय यात्रियों को सिर्फ पौष्टिक भोजन ही परोसा जाएगा, ताकि उनका स्वास्थ्य ठीक रहे।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था और अन्य तैयारियों पर हाल ही में एक समीक्षा बैठक की। एकीकृत कमान की बैठक में मुख्य सचिव के साथ ही गृह विभाग, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। अधिकारियों ने सिन्हा को समग्र सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया जबकि अमरनाथ यात्रा से संबंधित विभिन्न व्यवस्थाओं पर गहन चर्चा भी की गई। एक अधिकारी ने कहा कि सिन्हा ने दूरसंचार संपर्क, स्वास्थ्य देखभाल, अग्नि सुरक्षा, बिजली और पानी की आपूर्ति, मौसम पूवार्नुमान, स्वच्छता, ठहरने, लंगर प्रबंधन और आपदा प्रबंधन की विस्तृत योजनाओं की समीक्षा की।