वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 1780 करोड़ रुपये से अधिक लागत की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नवरात्रि का पुण्य समय है, आज मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन है। ये मेरा सौभाग्य है इस पावन अवसर पर आज मैं काशी की धरती पर आप सब के बीच हूं। मां चंद्रघंटा के आशीर्वाद से आज बनारस की सुख-समृद्धि में एक और अध्याय जुड़ रहा है, आज यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोप-वे का शिलान्यस किया गया है।
काशी के विकास की चर्चा आज पूरे दुनिया में हो रही
उन्होंने आगे कहा काशी के विकास की चर्चा आज पूरे देश और दुनिया में हो रही है। जो भी काशी आ रहा है वो यहां से नई ऊर्जा लेकर जा रहा है। आज काशी में पुरातन और नूतन दोनों स्वरूपों के दर्शन एक साथ हो रहे हैं। मुझे देश-विदेश में मिलने वाले लोग बताते हैं कि वो किस तरह विश्वनाथ धाम के पुनर्निर्माण से मंत्रमुग्ध हैं।
कनेक्टिविटी के तमाम नए साधनों ने काशी आना-जाना बहुत आसान कर दिया
पीएम ने कहा रोड हो, पुल हो, रेल हो, एयरपोर्ट हो, कनेक्टिविटी के तमाम नए साधनों ने काशी आना-जाना बहुत आसान कर दिया है, लेकिन अब हमें एक कदम और आगे बढ़ना है। अब जो ये रोप-वे यहां बन रहा है, इससे काशी की सुविधा और आकर्षण दोनों बढ़ेगा।
काशी आने वाले पर्यटक रोजगार और स्वरोजगार के साधन बना रहे
उन्होंने कहा हर महीने 50 लाख से अधिक लोग बनारस आ रहे हैं। बनारस आने वाले लोग अपने साथ बनारस के हर परिवार के लिए आय के साधन ला रहे हैं। यहां आने वाले पर्यटक रोजगार और स्वरोजगार के साधन बना रहे हैं।
आज गरीब से गरीब परिवार के पास भी जनधन बैंक खाता
पीएम ने आगे कहा 2014 से पहले बैंकों में खाता खोलने में भी पसीने छूट जाते थे, बैंकों से ऋण लेना तो गरीब परिवार सोच भी नहीं सकता था। आज गरीब से गरीब परिवार के पास भी जनधन बैंक खाता है। उसके हक का पैसा… सरकारी मदद आज सीधे बैंक खाते में आती है।
यूपी में जो सरकार है वो गरीब की चिंता करने वाली सरकार है
उन्होंने कहा कि आज केंद्र में जो सरकार है, यूपी में जो सरकार है वो गरीब की चिंता करने वाली सरकार है, गरीब की सेवा करने वाली सरकार है। आप लोग भले ही प्रधानमंत्री बोले, सरकार बोले लेकिन मोदी तो खुद को आपका सेवक ही मानता है।
विकास का जो रास्ता हमने चुना है, उसमें सुविधा भी है और संवेदना भी
पीएम ने कहा विकास का जो रास्ता हमने चुना है, उसमें सुविधा भी है और संवेदना भी है। इस क्षेत्र में एक चुनौती पीने के पानी की भी रही है। आज यहां पीने के पानी से जुड़ी अनेक परियोजनाओं का लोकापर्ण हुआ है और नई परियोजनाओं पर काम भी शुरू हुआ है।