Sakshi Murder Case Delhi : बीते 29 मई को दिल्ली से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां 16 साल की नाबालिग लड़की की एक सिरफिरे ने बेहरमी से चाकू भोंक-भोंककर हत्या कर दी। सिरफिरा लड़की पर हमला करता रहा और आस पास से गुजर रहे लोग तमाशबीन बने रहें। इस पूरी घटना ( Sakshi Murder Case) का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देख कर हर कोई सन्न रह गया। इस हत्याकांड ने देशभर में हुई उन तमाम पुरानी हत्याओं की यादें ताजा कर दी है, जिसे सोचकर भी लोग आज भी सिहर उठते है, आइए एक नजर डालते हैं भारत में हुए कुछ पुराने मर्डर Cases पर, जो आज भी दिल दहला देती है।
Sakshi Murder Case : जानें भारत में हुए कुछ पुराने खौफनाक पुराने मर्डर Cases
2022 : श्रद्धा हत्याकांड
बीते साल 2022 में हुए श्रद्धा के मर्डर मिस्ट्री ने भी लोगों को हिला कर रख दिया था। इस केस में 27 साल की युवती श्रद्धा के बॅायफ्रेंड आफताब ने 18 मई को श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी थी। आफताब ने इसके बाद श्रद्धा के शव को 35 टुकड़े किए। आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़ों को फ्रिज में रखा था। वह रोज रात में शव के टुकड़े को महरौली स्थित जंगल में फेंकने जाता था। उसने ऐसा करीब 20 दिन तक किया था। इस हत्याकांड के बाद आरोपी आफताब ने जो खुलासे किए वो काफी चौंकाने वाले थे।
1978 : रंगा-बिल्ला कांड
सन् 1978 दिल्ली में हुई गीता चोपड़ा (16) और उसके छोटे भाई संजय (14) के हत्या ने सभी को हिला कर रख दिया था। दो छोटे अपराधियों रंगा-बिल्ला ने दिल्ली के धौला कुआं इलाके से दो भाई-बहनों गीता और संजय का अपहरण किया। आरोपियों ने लड़की को अंग्रेजी में बात करते सुना था, जिसके बाद उन्होंने ये सोचा कि ये किसी पैसे वाले घर से होगी। फिरौती के लिए इस किडनैपिंग को अंजाम दिया गया, लेकिन जब रंगा-बिल्ला को पता चला कि दोनों एक नेवी ऑफिसर के बच्चे हैं तो वो डर गए। दोनों भाई-बहनों के चिल्लाने के बाद एक शख्स ने पुलिस को भी इस घटना की जानकारी दे दी थी।
इसके बाद रंगा और बिल्ला ने सबसे पहले संजय की हत्या कर उसे दूर फेंका गया। इसके बाद दोनों ने गीता के साथ दुष्कर्म कर उसकी भी हत्या कर दी। दोनों के शरीर पर चाकू के कई निशान थे। उस दौरान लोगों ने इस हत्याकांड के खिलाफ खूब आक्रोश दिखाया। आखिरकार दोनों की गिरफ्तारी हुई और उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई और दोनों को फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया।
31 जनवरी 1954 : बेलारानी दत्ता मर्डर केस
31 जनवरी 1954 में हुआ बेलारानी दत्ता मर्डर केस काफी भयावह था। बीरेन नाम के एक युवक का बेलारानी और मीरा नाम की महिलाओं से संबंध था। उसे दोनों महिलाओं से मिलने में देरी होती तो वे बीरे से सवाल पूछती थीं और वो परेशान हो जाता था। इसी बीच बेलारानी ने बीरेन को बताया कि वह प्रेग्नेंट है। ये खबर सुनते ही बीरेन ने उसे मार डाला और उसके शरीर को टुकड़ों में काट डाला और घर की आलमारी में रख दिया और दो दिनों तक सोता रहा। बाद में उसने बेलारानी के शरीर के टुकड़ों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया। वहीं इस मामले में दोषी पाए जाने पर बीरेन को फांसी की सजा मिली थी।
1995 : तंदूर कांड
2 जुलाई, 1995 में नैना साहनी हत्याकांड ने सभी को दहला कर रख दिया था। नैना के पति सुशील शर्मा ने उसकी हत्या कर दी थी। सुनील कांग्रेस का युवा नेता और दिल्ली में विधायक था। सुशील को नैना के मतलूब खान से रिश्तों पर ऐतराज था। मतलूब और नैना एक-दूसरे को स्कूल के दिनों से जानते थे। घटना के दिन सुशील ने नैना को मतलूब से फोन पर बात करते हुए देख लिया था, जिसके बाद वह गुस्से से आग बबूला हो उठा और नैना को गोली मार दी। इसके बाद वह नैना की बॉडी लेकर एक रेस्टोरेंट में गया और वहां के मैनेजर के साथ मिलकर बॉडी ठिकाने लगाने की सोची। बॉडी को राख में तब्दील करने के मकसद से तंदूर में रख दिया गया। बाद में पुलिस ने रेस्टोरेंट मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन शर्मा भागने में कामयाब रहा। बाद में उसने सरेंडर कर दिया था।
2008 : आरुषि मर्डर केस
आरुषि मर्डर केस जो काफी चर्चा में था, यह मामला 13 वर्षीय छात्रा आरुषि तलवार की हत्या का था। जब 15 मई, 2008 को आरुषि का शव उसके नोएडा स्थित घर के कमरे में पाया गया। उसका गला कटा हुआ था। शुरुआत में इस मामले में शक 45 साल के नौकर हेमराज पर गहराया जो उस तलवार के घर में नौकर था, लेकिन घटना में सनसनीखेज मोड़ तब आया जब दो दिन के बाद हेमराज का शव भी घर की छत पर मिला। आरुषि मर्डर केस में जांच के रवैये पर यूपी पुलिस की काफी आलोचना हुई और बाद में जांच सीबीआई को सौंपी गई। मामले में आरुषि के माता-पिता डॉक्टर राजेश तलवार और डॉक्टर नूपुर तलवार से पूछताछ की गई। उन्हें मुख्य अभियुक्त माना गया। नवंबर 2013 में दोनों को आजीवन कैद की सजा सुनाई गई, लेकिन 2017 में उन्हें छोड़ दिया गया।
2005-2006 : निठारी कांड
निठारी मर्डर कांड एक ऐसा मामला जिसे सोचकर आज भी लोग सहम जाते है। यह सीरियल मर्डर केस था। निठारी स्थित (Noida Nithari Case) कोठी नंबर डी-5 में 2005 से 2006 के बीच इन हत्याओं को अंजाम दिया गया था। इस मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब निठारी गांव से एक लड़का, लड़की और एक किशोर गायब हो गए। पता चला कि इन बच्चों का यौन शोषण होता था और इसके बाद मर्डर किया गया। मोनिंदर को उसके खिलाफ पांच में से दो केसेज और उसके नौकर सुरिंदर कोली को 16 में से 10 केसेज में दोषी पाया गया। दोनों को मौत की सजा सुनाई गई। कोली ने स्वीकार किया कि उसने नौ लड़कियों, दो लड़कों और पांच महिलाओं को बहला-फुसलाकर घर में बुलाया था। इसके बाद कोली ने उनकी हत्या कर दी और मृत शरीर के साथ सेक्स की कोशिश की। बाद में शवों के टुकड़े कर डाले। कुछ हिस्सों को खाया और बाकी को बंगले के पीछे नाली में डाल दिया।
2012 : निर्भया कांड
साल 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया कांड ने पूरे देश को झंकझोर कर रख दिया था। बात 16 दिसंबर 2012 की है, जब 22 साल की मेडिकल इंटर्न फिल्म देखने के बाद बस में सवार हुई तो उससे बस सवार कंडक्टर और बाकी लोगों ने छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब लड़की के दोस्त ने इसका विरोध किया तो पहले उसकी पिटाई की गई। इसके बाद इन दरिंदों ने लड़की के साथ एक-एक कर दुष्कर्म किया और आरोपियों ने इंसानियत की सारी हदों को पार करते हुए लड़की के प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाली और ऐसा कई बार किया गया। गैंगरेप और दरिंदगी को अंजाम देने के बाद दोनों को बीच सड़क फेंक दिया गया। इस मामले में कुल 6 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिसमें से एक नाबालिग था और एक आरोपी की जेल में ही मौत हो गई थी, जबकि बाकी के चार को दोषी करार दिया गया और आखिर में उन्हें फांसी के फंदे पर लटकाया गया, करीब 7 साल संघर्ष करने के बाद परिवार को न्याय मिला।
देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने और अपडेट रहने के लिए आप हमें Facebook Instagram Twitter YouTube पर फॉलो व सब्सक्राइब करें
Join Our WhatsApp Group For Latest & Trending News & Interesting Facts