वाराणसी। भाजपा सरकार द्वारा सर्व सेवा संघ वाराणसी को अवैध बताये जाने और ध्वस्त करने के नोटिस के विरोध में लंका गेट पर NSUI-BHU ने हस्ताक्षर अभियान चलाया और विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को संबोधित करते राम धीरज जी ने कहा केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार, डॉ राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, विनोबा भावे, लाल बहादुर शास्त्री, बाबू जगजीवन राम, मौलाना आज़ाद व जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित सर्व सेवा संघ को अवैध बताकर ध्वस्त करने की बात कर रही है। यह महात्मा गांधी के विचारों पर हमला है। देश की जनता राष्ट्रीय विरासत पर हमला बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे प्रशासन ने पैसे लिए है अपने अकाउंट में। रेलवे के अधिकारियों के सेल डीड पर हस्ताक्षर हैं। 1960 में बने कागज पर 2023 में सवाल उठाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कागज जाली है। सिर्फ इतना ही नही रेलवे और सर्व सेवा संघ का आपस मे गहरा नाता रहा है। भारत के हर रेलवे स्टेशन पर सर्वोदय प्रकाशन के बुक स्टॉल हैं। आज भी रेलवे टाइम टेबल के किताबो के पन्ने पलटिये तो आप पाएंगे कन्सेशन नियम कें पन्ने पर सर्व सेवा संघ के सम्मेलन के लिए रेल भाड़े में कन्सेशन के नियम लिखे हुए है। किसी अन्य ट्रस्ट संस्था के लिए क्या रेलवे ऐसा करती है ?
प्रजानाथ शर्मा ने संबिधित करते हुए कहा बापू की हत्या के बाद 1948 में राजेन्द्र बाबू , नेहरू जी और विनोबा भावे जैसे राष्ट्रनायकों ने गाँधी विचार को लाखों गांवों तक ले जाने के लिए सर्व सेवा संघ की स्थापना की। समाज को हिंसा घृणा कट्टरता और अंधेरे के रास्ते से बचाकर करुणा, दया रचनात्मकता, प्रेम और प्रकाश के रास्ते पर ले आने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम बनाया। नरेन्द्र मोदी की बीजेपी सरकार, बनारस में उसी सर्वोदयी संस्थान को अवैध बताकर तोड़ना चाह रही है। हम बीएचयू के छात्र छात्रा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और बीजेपी की इस साजिश की मुख़ालफ़त करते हैं, नकारते हैं। हम सब सर्व सेवा संघ के समर्थन में एकजुटता में साथ खड़े हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निर्भय सिंह ने कहा अंग्रेजो से लड़ कर आजादी लेने वालों ने सर्व सेवा संघ बनाया। उन्ही में से कुछ ने राजसत्ता की बागडोर थामी। तब के समय लोकसेवकों की ये फौज जो गाँव से बापू के ग्राम स्वराज का सपना सिद्ध करने निकली थी और कांग्रेस पार्टी जो बापू के हिन्द स्वराज को लागू करने निकली थी लगभग एक तल पर सोच समझ रख रहे थे। इसलिए तब से आज तक कोई अड़चन नही आई,कंही दिक्कत नही हुई। दिक्कत तब हुई है जब बापू की हत्यारी सोच समाज में जगह पाने लगी है। नाथूराम के समर्थक सड़को पर सार्वजनिक जगहों पर खुलेआम दिखने लगे है। बापू की निंदा करने वाले राजनैतिक मंचो पर आने लगे हैं।
इन लोगों से हमें सचेत ढंग से लड़ना होगा। सावरकर नाथूराम के समर्थक बापू की विचारधारा के ज़गह को सम्मान दें ये तो होना ही नहीं था। हमे एकजुट होकर इनकी मुख़ालफ़त करनी होगी। अहिंसा और सत्य का रास्ता दृढ़ता से अपनाने का समय आ गया है। हम बीएचयू के छात्र छात्रा संकल्प लेते हैं कि बापू के विचारों से उनके सपनों का भारत बनाने के लिए काम करेंगे। हम सर्व सेवा संघ परिसर बचाने की लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर सर्वोदयी साथियो के साथ खड़े रहेंगे।
इस दौरान डॉ ओ पी राय, धनंजय सुग्गु, जंगबहादुर, संजीत, सौरभ, ओम त्रिपाठी, विवेक, सूर्यांश, स्मित मिश्रा, अर्पित, कुंदन, रैनि, इंदु, नीति, लालमणि, अभिषेक, शिवम, शम्भू, रेहान, सुमन, नीरज, शांतनु, प्रियेश, प्रफुल्ल पांडेय, केशव, राजीव समेत एनएसयूआई बीएचयू के सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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