वाराणसी। हर साल की तरह इस वर्ष भी सावन के तीसरे सोमवार को परंपरागत रूप से विश्वनाथ गली के व्यापारी बंधुओं ने श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। विश्वनाथ गली व्यवसायी संघ के बैनर तले आयोजित जलाभिषेक में सोमवार की सुबह 9 बजे व्यापारियों का समूह दशाश्वमेध स्थित चित्तरंजन पार्क पर इक्कठा हुआ जिसमें महिलाओं की भी अच्छी खासी संख्या रही। इसके बाद शोभायात्रा डमरूओं की गड़गडाहट व शंखनाद के साथ सिंहद्वार, विश्वनाथ गली होते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचा, यहां काशी के 84 घाट व 12 कूपों के जल से बाबा का जलाभिषेक किया गया।
जलाभिषेक शोभायात्रा के पूर्व में महर्षि वेद विज्ञान पीठम् के 11 वैदिक बटुकों द्वारा काशी के 84 घाटों के साथ 12 प्राचीन पौराणिक काशी के 12 प्राचीन कूप जिसमें क्रमश: ज्ञानकूप (ज्ञानवापी), धर्मकूप (मीरघाट), चन्द्रकूप (सिद्धेश्वर-गली), शुक्रकूप (कालिकागली), धनवन्तरि कूप (महामृत्युंजय मंदिर), पादोदक कूप (गायघाट), नलकूपेश्वर कूप (पंचगंगाघाट), शुभोदक कूप (ओमकारेश्वर), भैरव कूप (भूतभैरव), गोदावरी कूप (पुरूषोत्तम मंदिर बडादेव), वृद्धकाल कूप (मैदागिन), कलश कूप ( काश्मीरी मल की हवेली) के जलों के कलशों का पूजन किया गया। पूजन के बाद हजारों की संख्या उपस्थित व्यापारी बंधु व परिवार की महिलाएं व पुरुष अन्य कलशों में 84 घाटों का जल लेकर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने रवाना हुए।
जलाभिषेक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डा. नीलकंठ तिवारी (पूर्व राज्यमंत्री, विधायक शहर दक्षिणी) थे तथा नेतृत्व अध्यक्षता महंत शंकर पुरी जी महाराज (महंत, श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर,काशी) ने किया। जलाभिषेक में मुख्य रूप से रमेश तिवारी, कमल तिवारी, डा.पवन शुक्ला, भानु मिश्रा, राजु बाजोरिया, सुनील शर्मा “मुंशी”, ॠषी झिगंरन, सिद्धार्थ भारद्वाज, राजेश देववंशी, अभिषेक केशरी, मनोज प्रजापति मुख्य रूप से शामिल रहे।
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