International Yoga Day 2023 : बिहार के राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय नवादा में योग दिवस की थीम वसुधैव कुटुंबकम पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 (International Yoga Day 2023) का आयोजन हुआ। इस दौरान योग गुरु स्वामी सच्चिदानंद ने कई तरह के योग व आसान बच्चों सहायक प्राध्यापकों को करवाया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य डॅा विनय कुमार चौधरी व योगाचार्य स्वामी सच्चिदानंद ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। प्राचार्य ने कार्यक्रम की शुरुआत बच्चो को संबोधित करते हुए कहा की विश्व स्तर पर सर्वप्रथम वर्ष 2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया था। इस वर्ष यह 9वां अवसर है जब पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया है।
उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर 2014 को ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा’ के 69 वें सत्र के दौरान एक प्रस्ताव पारित करके 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस/विश्व योग दिवस (International Yoga Day 2023) के रूप में मनाए जाने के लिये मान्यता दी गई थी। भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के अनुसार, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है, जिसके बाद 21 जून वर्ष का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। 21 जून को सूर्य कुछ शीघ्र उगता है और देर से डूबता है। भारतीय परंपरा में दक्षिणायन के समय को आध्यात्मिक विद्या प्राप्त करने के लिये बेहद अनुकूल समय माना जाता है। 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस/विश्व योग दिवस के रूप में मनाए जाने को मान्यता दी थी।
छात्र-छात्राओं को बताया योग का महत्व
एकेडमिक प्रमुख सह पीआरओ शुभेन्दु अमित कुमार ने बच्चों को बताया कि योग हमारी सभ्यता की महान उपलब्धियों में से एक है और दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए भारत का महान उपहार है। योग शरीर और मन को एक साथ लाने का काम करता है। ये जीवन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है। योग हम सभी को बेहतर स्थिति में रहने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि योग का मुख्य उद्देश्य शरीर के मल का नाश करना है। शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट हो जाने से शरीर व मन में स्थिरता का अविर्भाव होता है।
उन्होंने आगे बताया कि योग से शांति और स्वास्थ्य लाभ मिलता है। शरीर ही मन और बुद्धि की सहायता से आत्मा को संसार के बंधनों से योगाभ्यास द्वारा मुक्त कर सकता है। शरीर बृहत्तर ब्रह्मांड का सूक्ष्म रूप है। आसन एक वैज्ञानिक पद्धति है। ये हमारे शरीर को स्वच्छ, शुद्ध व सक्रिय रखकर मनुष्य को शारीरिक व मानसिक रूप से सदा स्वस्थ बनाए रखते हैं। केवल आसन ही एक ऐसा व्यायाम है जो हमारे अंदर के शरीर पर प्रभाव डाल सकता है।
कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो एस अमित कुमार एवं अंजलि सिन्हा ने किया। इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक अमित कुमार, रजनीश राव, रवि कुमार, अवनीश कुमार , अलका कुमारी, निधी कुमारी आदि सहायक प्राध्यापकों की विशेष उपस्तिथि रही।
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