1975 Emergency : इतिहास के पन्नों में दर्ज 25 जून का दिन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना का गवाह था, क्योंकि 47 साल पहले 25 जून 1975 में आज के ही दिन देश के लोगों ने रेडियो पर एक ऐलान सुना और देश में खबर फैल गई कि सारे भारत में अब आपातकाल (1975 Emergency) की घोषणा कर दी गई है। आज भी अतीत के पन्नों में 25 जून का दिन डेमॉक्रेसी के एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है। आइए जानते है आपतकाल के पीछे की पूरी कहानी…
1975 Emergency : स्वतंत्र भारत में पहला आपातकाल लागू हुआ था
25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि में भारत में आपातकाल था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अधीन देश में आपातकाल की घोषणा की थी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे विवादास्पद काल था। आपातकाल में चुनाव स्थगित हो गए थे। 25 जून और 26 जून की मध्य रात्रि में तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के हस्ताक्षर करने के साथ ही देश में पहला आपातकाल लागू हो गया था। अगली सुबह समूचे देश ने रेडियो पर इंदिरा की आवाज में संदेश सुना था, ‘भाइयों और बहनों, राष्ट्रपति जी ने आपातकाल (1975 Emergency) की घोषणा की है। इससे आतंकित होने का कोई कारण नहीं है।’
जानें कैसे बनी आपताकाल की पृष्ठभूमि
लालबहादुर शास्त्री की मौत के बाद देश की प्रधानमंत्री बनीं इंदिरा गांधी का कुछ कारणों से न्यायपालिका से टकराव शुरू हो गया था। यही टकराव आपातकाल (1975 Emergency) की पृष्ठभूमि बनी थी। आपातकाल के लिए 27 फरवरी, 1967 को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बड़ी पृष्ठभूमि तैयार की। एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सुब्बाराव के नेतृत्व वाली एक खंडपीठ ने सात बनाम छह जजों के बहुतम से से सुनाए गए फैसले में यह कहा था कि संसद में दो तिहाई बहुमत के साथ भी किसी संविधान संशोधन के जरिये मूलभूत अधिकारों के प्रावधान को न तो खत्म किया जा सकता है और न ही इन्हें सीमित किया जा सकता है।
आपातकाल का प्रमुख कारण
1971 के चुनाव में इंदिरा गांधी ने अपनी पार्टी को अभूतपूर्व जीत दिलाई थी और खुद भी बड़े मार्जिन से जीती थीं। खुद इंदिरा गांधी की जीत पर सवाल उठाते हुए उनके चुनावी प्रतिद्वंद्वी राजनारायण ने 1971 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर इंदिरा गांधी के सामने रायबरेली लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले राजनारायण ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि इंदिरा गांधी ने चुनाव जीतने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया है। मामले की सुनवाई हुई और इंदिरा गांधी के चुनाव को निरस्त कर दिया गया। इस फैसले से आक्रोशित होकर ही इंदिरा गांधी ने इमर्जेंसी लगाने का फैसला किया।
आपातकाल की घोषणा
इंदिरा गांधी इतना क्रोधित हो गई थीं कि अगले दिन ही उन्होंने बिना कैबिनेट की औपचारिक बैठक के आपातकाल लगाने की अनुशंसा राष्ट्रपति से कर डाली, जिस पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने 25 जून और 26 जून की मध्य रात्रि में ही अपने हस्ताक्षर कर डाले और इस तरह देश में पहला आपातकाल लागू हो गया।
जाने देश और दुनिया के इतिहास में 25 जून की तारीख पर दर्ज कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं
1529 : मुगल शासक बाबर बंगाल पर विजय प्राप्त कर अपनी राजधानी आगरा लौटा।
1788 : वर्जीनिया अमेरिका का संविधान अपनाने वाला 10वां राज्य बना।
1941 : फिनलैंड ने सोवियत संघ पर हमले की घोषणा की।
1947 : एन फ्रैंक की ‘डायरी ऑफ ए यंग गर्ल’ आज ही के दिन प्रकाशित हुई थी। इसकी करोड़ों प्रतियां बिकीं और इसका 67 भाषाओं में अनुवाद किया गया।
1950 : उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच गृह युद्ध शुरू हो गया जिसने आगे चलकर अंतरराष्ट्रीय शीत युद्ध का रूप ले लिया।
1974 : बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर का जन्म।
1975 : इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल लगाने की घोषणा की।
2005 : ईरान के राष्ट्रपति चुनावों में अति कट्टरपंथी माने जाने वाले महमूद अहमदी नेजाद की जीत की घोषणा।
2009 : पाश्चात्य संगीत और नृत्य की एक नई परिभाषा लिखने वाले और दुनियाभर में करोड़ों के चहेते माइकल जैक्सन की मृत्यु।
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