Hybrid Solar Eclipse 2023 : 20 अप्रैल को साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) लगने वाला है। जैसा की आप सभी को पता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और तीनों एक सीधी रेखा में होते हैं तब सूर्यग्रहण लगता है। लेकिन इस बार लगने वाला ये सूर्य ग्रहण आम नहीं है, खगोलशास्त्रियों का कहना है कि 100 साल में पहली बार अनोखा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। तो आइए जानते है आखिर ये सूर्य ग्रहण क्यों खास होगा।
क्या होता है हाइब्रिड सूर्यग्रहण?
यूं तो सूर्यग्रहण लगते ही रहते हैं, लेकिन इस बार होने वाले सूर्यग्रहण को हाइब्रिड सूर्यग्रहण (Hybrid Solar Eclipse) कहा जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण इसलिए बेहद खास होने वाला है, क्योंकि ये तीन रूपों में दिखाई देगा. आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण का मिश्रण ही हाइब्रिड सूर्यग्रहण कहलाता है। ऐसी घटना लगभग 100 साल में एक बार ही देखने को मिलती है. इस स्थित में चंद्रमा की धरती से ना तो ज्यादा दूरी होती है और ना ही कम होती है।
जानकारी के अनुसार, ग्रहण सुबह 7:04 से शुरू होकर 5 घंटे 24 मिनट तक होगा और दोपहर 12:29 पर समाप्त होगा।
कितने प्रकार के होते हैं सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। पहला होता है पूर्ण सूर्य ग्रहण, दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण और तीसरा होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण। आइए समझते हैं इन तीनों में क्या होता है।
- आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा, पृथ्वी के एक हिस्से को पूरी तरह से ढक देता है इसमें चंद्रमा की परछाई पूरे हिस्से को न ढकते हुए पृथ्वी के केवल एक ही हिस्से को ढकती है
- पूर्ण सूर्यग्रहण की स्थिति में पृथ्वी का एक भाग पूरी तरह से अंधेरे में डूब जाता है. ऐसा तब होता है, जब चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे निकट होता है. पूर्ण सूर्यग्रहण हर 100 साल में केवल एक बार ही होता है.
- वलयाकार सूर्य ग्रहण की स्थिति तब बनती है, जब चंद्रमा, पृथ्वी से दूर होता है. इस स्थिति में चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह ढक नहीं पाता है, इसलिए सूर्य रिंग आफ फायर जैसा प्रतीत होता है और आकार में भी छोटा दिखाई देने लगता है.
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