World’s First Cell Phone : आज के दौर में मोबाइल फोन लोगों के जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। आज के समय तो बिना फोन देखे लोगों के दिन की शुरुआत नहीं होती ये एक-दूसरे से बात करने के अलावा कई कामों को आसानी से पूरा करता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का पहला मोबाइल फोन (World’s First Cell Phone) कब आया और उसकी कीमत क्या थी? इसे कौन सी कंपनी ने बनाया था? अगर नहीं जानते तो चलिए आज हम आपको बताते हैं है इसके बारे में विस्तार से..
मोबाइल फोन का पहली बार इस्तेमाल करीब 50 साल पहले हुआ था
आपको बता दें कि, मोबाइल फोन बानने की कोशिश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ही शुरू हो गई थी। मोबाइल फोन का पहली बार इस्तेमाल आज से करीब 50 साल पहले किया गया था, जिसे मोटरोला (Motorola) कंपनी ने बनाया था। जिसे मर्टिन कूपर (Martin cooper) ने इस फोन से पहली कॉल अपने टीम साथियों को की थी। इसका वजन दो किलोग्राम था। मोटोरोला ने इस फोन का नाम ‘Motorola DynaTAC 8000X’ रखा था।
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जानें कितनी थी पहले फोन की कीमत
न्यूयॉर्क की एक सड़क पर खड़े होकर जब मार्टिन कूपर ने पहली बार मोबाइल फोन से कॉल की तो किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनकी यह खोज दुनिया में इतनी बड़ी सफलता हासिल करेगी। इस मोबाइल को बनाने में आज की मुद्रा की कीमत के हिसाब से देखा जाए तो करीब 10 लाख डॉलर (यानी 8.1 करोड़ रुपये) का खर्च आया था। अविष्कार के 10 साल के बाद आम लोगों के लिए इसे मार्केट में लाया गया था।
पहली बार अमेरिकी मार्केट इतने में बिका था फोन
मार्टिन कूपर का कहना था कि शुरुआत में यह फोन काफी मंहगा था। 1983 में दुनिया का पहले मोबाइल फोन को अमेरिकी मार्केट में बेचा गया था और उसकी कीमत 4000 डॉलर (आज के वक्त में लगभग 2.5 लाख रूपए) थी। यानी आज की भारतीय मुद्रा में बात की जाए तो 2.5 लाख रुपये थी। उन्होंने बताया था कि इंजीनियरों ने छोटे-छोटे उपकरणों को जोड़कर इस मोबाइल फोन को तैयार किया था।
ये फीचर्स थे मोबाइल फोन में
यह मोबाइल वजन में काफी ज्यादा भारी हुआ करता था। इसे पॉकेट में रखकर चलना संभव नहीं था, क्योंकि बड़े आकार के इस फोन का वजन एक अनुमान के अनुसार 900 से 1,100 ग्राम तक के बीच का था। वहीं इस फोन को पूरी तरह से चार्ज होने में लगभग 10 घंटे का समय लगता था और यह 30 मिनट तक का टॉक टाइम देने में सक्षम था। हालांकि उस वक्त भी मोटोरोला के इस फोन को कई खास फीचर्स से लैस किए गए थे। फोन में कीपैड के साथ लाइट भी था। वहीं फोन में रिडायल और रीकॉल की भी व्यवस्था थी। फोन में 30 नंबर तक सुरक्षित किए जा सकते थे।
यह फोन सेल्यूलर नेटवर्क के पहले संस्कण 1जी पर कार्य करता था। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एंटीना भी दिया गया था। लॉन्च के कई साल बाद तक इस फोन ने मोबाइल बाजार में अपनी बादशाहत कायम रखी और मोटोरोला को नंबर एक मोबाइल निर्माता का दर्जा भी दिलाया। उस वक्त के हिसाब से ये टेक्नोलॉजी नई थी और इसी वजह से इसकी कीमत भी काफी ज्यादा थी।
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