75th Republic Day : भारत को आजादी भले ही 15 अगस्त 1947 को मिली, लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत पूर्ण गणराज्य बना। देश के लिए ये एक ऐसा एतिहासिक दिन था, जब पहली बार देश ने अपना गणतंत्र दिवस मनाया था। इस दिन पूरे देशवासियों में खुशी की लहर थी, सब अपने-अपने तरीके से इस दिन का जश्न मना रहे थे। कहीं ढोल बज रहे थे, कोई भोज करा रहा था, तो कहीं भंडारा कराया जा रहा था, लेकिन इन सब के बीच दिल्ली के इस राष्ट्रभक्त ने कुछ ऐसा किया जो गणतंत्र भारत के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज हो गया और पूरा देश पिछले 75 वर्षों ( 75th Republic Day) से निभाता आ रहा है। तो चलिए जानते है इस बारे में…
जानें कौन था वो राष्ट्रभक्त
26 जनवरी 1950 को जब देश का संविधान लागू हुआ था, इस दिन दिल्ली के एक हलवाई ने देश के प्रति अपनी राष्ट्रभक्ति जाहिर करते हुए चांदनी चौक के पूरे इलाके को मुफ्त में मिठाईयां खिलाईं थी।तब से लेकर अबतक 26 जनवरी को मिठाईयां बांटने की ये परंपरा चली आ रही है। ये कोई आम दुकान नहीं थी, ये 50,100 साल नहीं बल्की 233 साल पुरानी है। जो काफी फेमस है।आइए बताते है इस दुकान से जुड़ी कई दिलचस्प बातें…
233 साल पुरानी है ये दुकान
दरअसल, हम जिसकी बात कर रहें है वो जयपुर के आमेर के रहने वाले लाला सुखलाल जैन की थी, जो दिल्ली आए और ठेले पर मिश्री-मावा बेचना शुरू किया। उसके बाद उन्होंने 1790 में दिल्ली के पुराने बाजार चांदनी चौक में अपनी दुकान खोली, जो घंटेवाला हलवाई के नाम से आज भी फेमस है। सुखलाल के उनके बाद उन उनकी आठ पीढ़ियों ने इस दुकान को चलाया। यह आज से करीब 233 साल पुरानी दुकान है, जो मुगलों के शासनकाल के समय की है।
इस कारण दुकान का नाम पड़ा घंटेवाला
करीब 226 साल तक चलने वाली यह दुकान सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि कई दूसरे राज्यों में भी फेमस थी। देश के कई प्रधानमंत्रियों से लेकर मुगल बादशाहों और विदेशी टूरिस्ट तक ने ‘घंटेवाला’ का सोहन हलवा चाव से खाया है। इस दुकान का नाम को लेकर अलग-अलग कहानियां हैं। कहा जाता है कि इस दुकान का नाम पास में बने एक घंटाघर की वजह से घंटेवाला पड़ गया था। बताया जाता है कि मुगल बादशाह लाल किले से इस घंटे की आवाज सुनते थे और अपने नौकरों से घंटे के पास बनी दुकान से मिठाइयां लाने के लिए कहते थे।
राजीव गांधी से लेकर इंदिरा गांधी तक कई दिग्गजों को पसंद थी यहां की मिठाई
घंटेवाला के आसपास के दुकानवालों के अनुसार एक समय देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी यहां आए थे। इंदिरा गांधी को भी यहां की मिठाइयां बेहद पसंद थी। लोग बताते हैं कि एक बार मोहम्मद रफी भी अपनी कार से मिठाई खाने आए थे जबकि पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को यहां की जलेबियां बहुत पंसद थीं। उस दौरान दीपावली के दिन यहां मिठाई खरीदने वालों की इतनी भीड़ होती थी कि उन्हें कंट्रोल करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ता था।
अभी ये दुकान ऑनलाइन बेचती है मिठाईयां
घंटेवाला हलवाई की दुकान कुछ साल पहले किन्हीं कारणों से यह दुकान बंद हो गई थी, लेकिन फिर से खुली और पिछले 8 साल से चांदनी चौक की यह फेमस दुकान ऑनलाइन ही अपने यहां की कुछ स्पेशल मिठाइयां बेच रही है। इनमें सोहन हलवा, मैसूर पाक, पतीसा, डोडा बर्फी, कराची हलवा, सेब बादाम बर्फी जैसी मिठाइयां शामिल हैं. आपको बता दें देसी घी में डूबी इन मिठाइयों की कीमत 650 रुपये से लेकर 850 रुपये प्रति किलो तक है।