Unique Village : लहलहाते खेत, हवाओं की ताजगी, मिट्टी की सौंधी खुश्बू, चिड़ियों की चहचहाहट, ना दिखावा ना कोई शोर ये सूकून भरी जिंदगी बस गांव में ही मिल सकती है। गांव की बात ही निराली होती है, अक्सर लोग फुर्सत के पलों में दुनिया की चकाचौंध से दूर सुकून की तलाश में गांव का ही रूख करते है, लकिन जरा सोचिए अगर आपको गांव में जाने के लिए भी टिकट लेना पड़े तो शायद ये बात आपको थोड़ी अजीब लगी हो, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे ही गांव के बारे में बताएंगे जहां जाने के लिए आपको टिकट खरीदना पड़ेगा। इतना ही नहीं इस गांव में किताबों की कमी न हो, इसके लिए यहां किताबों का बगीचा भी बनाया गया है। तो फिर चलिए जानते है इस अनोखे गांव के बारे में…
यहां स्थित है गांव
दरअसल हम जिस गांव की बात कर रहें है वो उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में है, जिसका नाम है खुरपी नेचर विलेज (Khurpi Nature Village)। यह जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। खुरपी नेचर विलेज की साफ-सफाई और उसकी सुंदरता आपका मन मोह लेगी। गांव को आधुनिक बनाने की बातें तो खूब होती हैं, लेकिन इसे उसी दिशा पर ले जाने का काम सिद्धार्थ राय ने किया है।
ऐसे बना खुरपी नेचर विलेज
सिद्धार्थ राय एमबीए की पढ़ाई करने के बाद जब गांव लौटे तो उन्होंन इसकी काया बदलने का लक्ष्य तय किया और उसे पूरा भी किया। गांव में गाय, बकरी मछली, बत्त्तख, मुर्गा, खरगोश और तीतर पशुपालकों की आय का साधन हैं। अंडों को बाजार में बेचा जा रहा है. गोबर की खाद बनाकर बाहर के किसानों को बेची जा रही है। ये बदलाव की अर्थव्यवस्था को रफ्तार दे रहे हैं।
इसे बसाने वाले सिद्धार्थ का कहना है, एमबीए करने के बाद बेंगलुरू में अच्छे सैलरी पैकेज पर नौकरी कर रहा था। 2014 में दिमाग में आइडिया आया कि क्यों न गांव की तस्वीर बदली जाए। इसे स्वरोजगार से जोड़ा जाए। यहां आने के बाद रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के साथ बतौर निजी सचिव काम किया।
उन्होंने बताया कि अपने दोस्त अभिषेक के साथ डेढ़ एकड़ जमीन में गाय पालन शुरू किया। यहां दूध का कारोबार शुरू किया। गोबर को केचुए की मदद से उसे खाद में तब्दील किया गया। इस खाद को बेचा जाने लगा, यहां के तालाबों में मछली और बत्तख पालन शुरू किया गया। इससे पशुपालकों की आय बढ़ी और गांव की रौनक में इजाफा हुआ।
गांव में मिलेगी ये सुविधाएं
इस गांव में चिड़ियाघर भी है, घुड़सवारी की सुविधा भी मिलेगी और बोटिंग का लुत्फ भी उठा सकते है। इतना ही नहीं संदेश लिखे हुए खूबसूरत दिवार भी नजर आएंगी। गांव में आपको ओपन जिम, तालाब के किनारे कुल्हड़ वाली चाय भी मिलेगी। यहां रोजगार के लिए मछली और मुर्गीपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
गांव में जाने के लिए लगेगा इतन रुपए का टिकट
यह गांव काफी साफ-सुथरा है इसकी सुंदरता आपका मन मोह लेगी। खुरपी नेचल विलेज पहुंचते ही आपको लगेगा कि एक व्यवस्थित गांव कैसा होता है। गांव का नाम अब दूरदराज इलकों तक पहुंच रहा है और लोग इसे देखने पहुंच रहे हैं। इस गांव में जाने के लिए आपको 20 रुपए का टिकट खरीदना पडे़गा।
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