Swarved Mahamandir Dham : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) 18 दिसंबर को वाराणसी के उमरहां में बन रहे स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन करेंगे। ये मंदिर अपने आप में बेहद अनोखा है। सन 2004 में इस मंदिर के स्थापना की नींव रखी गई थी, करीब 19 सालों से सात तल के इस मंदिर का निर्माण जारी है, जो 20 हजार साधकों के लिए बनकर तैयार हो रहा है। यह मंदिर देश और दुनिया का सबसे बड़ा योग-साधना का केंद्र होगा। यह स्वर्वेद महामंदिर (Swarved Mahamandir Dham) के लोकार्पण का प्रथम चरण है।
Swarved Mahamandir Dham : दीवारों पर स्वर्वेद के चार हजार से ज्यादा दोहे अंकित हैं
मंदिर के पांच फ्लोर तक दीवारों पर स्वर्वेद के चार हजार से ज्यादा दोहे अंकित किए गए हैं। इतना ही नहीं, मंदिर की बाहरी दीवारों पर भी कई प्रसंगों को उकेरा गया है। 20 लाख वर्गफुट आवास, 4500 शौचालय, 15,000 फुट से अधिक की जल-आपूर्ति पाइपें, 15 निःशुल्क भोजनालय, 20 लाख वर्गफुट में गाय के गोबर से लीपी हुई यज्ञशाला और तीन किलोमीटर में फैला 200 एकड़ का परिसर मानों महाकुंभ की याद दिला रहा हो।
मकराने का संगमरमर और राजस्थान के ग्रेनाइट का इस्तेमाल
स्वर्वेद मंदिर (Swarved Mahamandir Dham) को बनाने में पिंक सेंड स्टोन के अलावा मकराने का संगमरमर और राजस्थान के ग्रेनाइट का इस्तेमाल हुआ है। इसके अलावा इसकी खिड़कियों में सागौन की लकड़ियां लगाई गई हैं, जो कि इसे और खूबसूरत बनाती हैं।
महामंदिर के शीर्ष पर गुजरात से मंगाए गए और जीआरसी तकनीक से बने 125 पंखुड़ियों वाले नौ कमलाकार गुंबद हैं। राजस्थान के बंसीपहाड़पुर से मंगाए गए तीन लाख घनफीट सुंदर गुलाबी सैंडस्टोन की नक्काशीदार कलाकृतियों के जरिये भी आध्यात्मिक संदेश दिए गए हैं। बाहरी झरोखों पर 132 ऋषियों-ऋषिकाओं और साधकों की भी मूर्तियां लगी हैं। महामंदिर के प्रांगण में सुंदर बगीचा भी विकसित किया जा रहा है। परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग और ड्रिप इरिगेशन आदि आधुनिक तकनीकों का उपयोग हुआ है।
लोकार्पण पर 25 हजार कुंडीय महायज्ञ का आयोजन
लोकार्पण पर 25 हजार कुंडीय महायज्ञ का आयोजन हो रहा है, जिसमें डेढ़ लाख श्रद्धालु आहुतियां अर्पित करेंगे। इस आयोजन की सफलता के लिए संत प्रवर विज्ञानदेव जी महाराज ने पिछले 4.5 माह में 25 राज्यों एवं 4 केंद्र शासित प्रदेशों के 135 स्थानों पर विशाल संकल्प यात्रा का आयोजन किया।
कार्यक्रम लाखों लोग होंगे शरीक
कश्मीर से कन्याकुमारी तक सड़क मार्ग से ही 28,709 किलोमीटर की इस यात्रा के परिणामस्वरूप इस कार्यक्रम लाखों लोग शरीक हो रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर वर्तमान में लगभग 3000 गुरुभाई बहन अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कार्यक्रम की तैयारी का निरीक्षण एवं नियंत्रण नियमित रूप से संत प्रवर विज्ञानदेव जी महाराज स्वयं ही कर रहे हैं।
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