जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर के पर्यावरण विज्ञान विभाग में गुरु नानक महाविद्यालय चेन्नई के डीन एकेडमिक ऑफ साइंस डॉ.एस. सावित्री व डायरेक्टर रिसर्च डॉ प्रेम एम. मारन ने शिक्षक और छात्रों से बुधवार को संवाद किया। एस. सावित्री ने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए व्यक्ति को स्वयं आगे आना होगा जिस तरह खाने सोने और मनोरंजन करने का समय निर्धारित है उसी तरह पढ़ाई का भी समय निर्धारित होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि बिना अध्ययन के कोई भी शिक्षा के क्षेत्र में महान उपलब्धि नहीं प्राप्त कर सकता है। इसके बाद टीम माइक्रोबायोलॉजी विभाग में गई और वहां के बच्चों के साथ बातचीत की। इसके बाद टीम ने विश्वविद्यालय परिसर के कई विभागों को देखा। साथ ही संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और विद्यार्थियों से बातचीत की।
बता दें कि विगत वर्ष गुरुनानक कालेज चेन्नई, तमिलनाडु के साथ शैक्षणिक गतिविधियों के परस्पर सहयोग के लिए एक एमओयू हस्ताक्षरित किया गया था। उस दौरान टीम ने एक दूसरे से पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे कार्य और प्रगति पर चर्चा की। डॉ. प्रेम ने पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतरीन रिसर्च कराने के लिए विभाग को बधाई दी और यह भी बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में पर्यावरण के बच्चे और अच्छा कार्य कर सकते हैं। इस क्षेत्र में उन्होंने अपना सहयोग प्रदान करने की भी बात कही और साथ ही में पर्यावरण विज्ञान के बच्चों के सवालों से प्रभावित हुए। उन्होंने कुछ बच्चों को अपने यहां उच्च शिक्षा और रिसर्च हेतु लेने की इच्छा जाहिर की।
गुरु नानक कॉलेज की टीम में मनजीत सिंह नायर, डॉ. स्वाति पालीवाल, डॉ एस. सावित्री, डॉ.सौम्यकांत सारंगी, डॉ. क्रिस्टी, डॉ डॉली, डॉ. प्रेम माथी मारन आदि शामिल थे। इस अवसर पर प्रो मानस पांडेय, प्रो. अजय द्विवेदी, डॉ मनोज पांडेय, डॉ सुनील कुमार, डॉ. सुधीर कुमार उपाध्याय, डॉ. विवेक पांडेय, डॉ एस पी तिवारी, ऋषि श्रीवास्तव व अन्य उपस्थित थे।