जौनपुर। 17 दिसंबर से 25 दिसंबर 2022 तक चलने वाली “एकात्म यात्रा” अपने उद्देश्य को लेकर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय पहुंचीं। यहां पर स्थापित दीनदयाल शोधपीठ के तत्वावधान में गुरुवार को एकात्म यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। एकात्म यात्रा के संयोजक सत्येंद्र जी, डॉ विवेक तांगड़ी व सह संयोजक प्रबल चौहान ने कहा कि इस यात्रा को समाज से भारी जन समर्थन प्राप्त हो रहा हैं। जिस कारण एक आदर्श समाज को स्थापित करने कि दिशा में यह यात्रा निश्चित ही मील का पत्थर साबित होगी।
एकात्म यात्रा के संयोजक निदेशक लोक नीति भारत सत्येंद्र ने कहा कि आध्यात्मिक संस्कृति ही हमारे राष्ट्र के मूल में समाहित हैं और भारत के समग्र विकास का इतिहास केवल भारतीय चिंतन के माध्यम से ही संभव किया जा सकता हैं। सत्येंद्र ने बताया कि संविधान लागू होने के 75 वर्ष के पश्चात भी भारत के जन जन की भावना के अंश संविधान में समाहित होने से छूट गए।
चलो जाने रामराज्य के अभियान प्रमुख, आध्यात्मिक चिंतक और यात्रा संयोजक डॉ विवेक तांगड़ी ने कहा कि आज समाज को युवा वर्ग के सक्रिय समाज निर्माण में सहयोग देने की आवश्यकता हैं। जब हम बदलेंगे-तो समाज बदलेगा-समाज बदलेगा तो राष्ट्र बदलेगा।
संचालन डॉक्टर दिनेश कुमार सिंह ने किया। दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ के सदस्य डॉ अनुराग मिश्र ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर डॉक्टर गिरधर मिश्र ,डॉ विवेक पांडेय, डॉ पुनीत धवन, डॉ राहुल राय, डॉ.अंकित कुमार, डॉ वनिता सिंह, डॉ प्रियंका कुमारी, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
बता दें कि यह यात्रा मथुरा से प्रारम्भ होकर , 30 जिले के 18 विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में एकात्म संवाद एवं यात्रा के विभिन्न पड़ाव स्थलों पर एकात्म संवाद, एकात्म चर्चा, ग्रामीण एकात्म संवाद, विचार गोष्ठी, चाय पर चर्चा और सामाजिक सांस्कृतिक संवाद के माध्यम से जागरूक कर रही है।