बिहार में नीतीश कुमार द्वारा भाजपा से गठबंधन तोड़ने के बाद राजद के साथ बनाई नई सरकार का आज विस्तार हो गया। राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन में आयोजित एक समारोह में कुल 31 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। वहीं इसी बीच बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वित्त और गृह मंत्रालय जनता दल यूनाइटेड के पास रखकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव को धोखा दिया है। साथ ही सुरेंद्र यादव, रामानंद यादव और ललित यादव जैसे “बाहुबलियों” को कैबिनेट में रखने के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना की।
सुशील मोदी ने कहा कि सुरेंद्र यादव, रामानंद यादव और ललित यादव जैसे लोगों को कैबिनेट में रखकर नीतीश कुमार क्या संदेश देना चाहते हैं? नीतीश कुमार ने चतुराई से जदयू के पास गृह और वित्त दोनों विभागों को रखा और तेजस्वी यादव को भी धोखा दिया। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने महत्वपूर्ण गृह विभाग को अपने पास बरकरार रखा, जिससे उनका राज्य पुलिस पर सीधा कंट्रोल है। साथ ही सामान्य प्रशासन, कैबिनेट सचिवालय, चुनाव को अपने पास बरकरार रखा।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य, सड़क निर्माण, नगर विकास एवं आवास तथा ग्रामीण कार्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। विजय कुमार चौधरी को वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य, बिजेन्द्र प्रसाद यादव को ऊर्जा एवं योजना विकास विभाग, अशोक चौधरी को भवन निर्माण, श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास, लेशी सिंह खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, मदन सहनी को समाज कल्याण, संजय कुमार झा को जल संसाधन एवं सूचना एवं जन-संपर्क, शीला कुमारी को परिवहन, सुनील कुमार को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, जयन्त राज को लघु जल संसाधन, मोहम्मद जमा खान को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
तेज प्रताप यादव को भी बनाया गया मंत्री
वहीं लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, आलोक कुमार मेहता को राजस्व एवं भूमि सुधार, सुरेन्द्र प्रसाद यादव को सहकारिता, रामानन्द यादव को खान एवं भूतत्व, कुमार सर्वजीत को पर्यटन, ललित कुमार यादव को लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, समीर कुमार महासेठ को उद्योग, चन्द्र शेखर को शिक्षा, अनिता देवी को पिछड़ा वर्ग एवं अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण, जितेन्द्र कमार राय को कला, संस्कृति एवं युवा, सुधाकर सिंह को कृषि, कार्तिक कुमार को विधि, शमीम अहमद को गन्ना उद्योग, शाहनवाज को आपदा प्रबंधन, सुरेन्द्र राम को श्रम संसाधन एवं मोहम्मद इसराईल मंसूरी को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसी तरह कांग्रेस से मंत्री बनाए गए मोहम्मद आफाक आलम को पशु एवं मत्स्य संसाधन तथा मुरारी प्रसाद गौतम को पंचायती राज विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से मंत्री बने संतोष कुमार सुमन को अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण विभाग तथा मंत्री बनाए गए निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल का मंगलवार को विस्तार
बता दें कि 16 अगस्त को बिहार की नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल का मंगलवार को विस्तार हुआ। राज्यपाल फागू चौहान राजभवन में 31 मंत्रियों को उनके पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। महागठबंधन की इस सरकार में राजद को सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व मिला है। उसके कोटे से 16 मंत्रियों ने शपथ ली है जबकि जद-यू से 11 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। कांग्रेस से दो लोगों को मंत्री बनाया गया है। मांझी की पार्टी हम से एक सदस्य और एक निर्दलीय को मंत्र बनाया गया है।
RJD की ओर से 16 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली
राष्ट्रीय जनता दल की ओर से 16 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली जबकि जनता दल यूनाइटेड के 11 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। इनमें नीतीश ने सभी पुराने मंत्रियों को अपनी कैबिनेट में जगह दी है। वहीं कांग्रेस के दो विधायक मंत्री बनाए गए हैं जबकि हम को एक और एक निर्दलीय विधायक को मंत्री पद मिला है।
नीतीश कुमार ने कब छोड़ा बीजेपी का साथ
बिहार में नीतीश कुमार ने नौ अगस्त को राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (NDA) से अलग होने की घोषणा की थी. इसके बाद से उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. बाद में उन्हें आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन ने अपना नेता चुन लिया था। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उनका दावा था कि उन्हें सलात दलों के 164 विधायकों का समर्थन हासिल है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम माझी के हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (हम) ने भी नीतीश कुमार को समर्थन दिया है. उसके चार विधायक हैं. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने 10 अगस्त को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.