गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा के खेमे में शामिल हो गए हैं। उन्होंने 2 जून को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। बीजेपी में शामिल होने से पहले पहले उन्होंने दुर्गा पूजा की। वहीं आज सुबह उन्होंने एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘राष्ट्रहित, प्रदेशहित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूं। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भगीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करूंगा।’
पद के लालच में किसी भी प्रकार की मांग नहीं रखी
हार्दिक पटेल ने बीजेपी जॉइन करने से ठीक पहले आज सुबह अहमदाबाद में कहा कि आज तक मैंने पद के लालच में कहीं भी किसी भी प्रकार की मांग नहीं रखी। कांग्रेस को भी मैंने काम मांगते हुए छोड़ा और भाजपा में भी मैं काम करने की परिभाषा के साथ जुड़ रहा हूं। स्थान की चिंता कमजोर लोग करते हैं। मजबूत लोग कभी भी स्थान की चिंता नहीं करते हैं।
कांग्रेसी असंतुष्ट नेताओं को बीजेपी में जोड़ने का कार्यक्रम
आने वाले दिनों में कांग्रेस से और नेताओं के भाजपा में शामिल होने की संभावना पर हार्दिक ने कहा कि बहुत जल्द हर 10 दिन में एक कार्यक्रम करेंगे, जिसमें कांग्रेस पार्टी से नाराज विधायकों, ज़िला पंचायत या तहसील पंचायत के सदस्यों, नगर निगम के सदस्यों को जोड़ेंगे।
2015 में किया था पाटीदार आंदोलन
हार्दिक पटेल ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए, जब इस साल के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी पिछले दो दशक से अधिक समय से राज्य में सत्ता में हैं। 28 वर्षीय हार्दिक पटेल ने साल 2015 में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व किया था। कभी बीजेपी के आलोचक रहे पटेल के खिलाफ गुजरात की तत्कालीन बीजेपी सरकार ने राजद्रोह सहित कई आरोपों में मामले दर्ज किए थे।
2019 में जॉइन की थी कांग्रेस, लेकिन असहज महसूस किया
बता दें कि हार्दिक पटेल ने साल 2019 में कांग्रेस का हाथ थामा था। 11 जुलाई 2020 को उन्हें कांग्रेस में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि पटेल इससे संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा था कि उनको पार्टी में स्वतंत्र रूप से फैसला लेने का अधिकार नहीं है। इसके अलावा भी उन्होंने कई चीजों को लेकर आपत्ति जाहिर की थी। कांग्रेस से नाराजगी के चलते उन्होने 18 मई 2022 को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।