नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का सोमवार से साल का पहला विदेश दौरा शुरू हो रहा है। वह तीन दिवसीय दौरे पर जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की यात्रा पर रवाना होंगे। अपने इस तीन दिवसीय विदेश यात्रा के दौरान वह ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक संबंध, टिकाऊ विकास, जलवायु एवं हरित ऊर्जा सहित विविध क्षेत्रों पर चर्चा करेंगे। यूक्रेन-रूस (Ukraine-Russia War) युद्ध पर भी वह भारत का पक्ष और दृष्टिकोण रखेंगे। वहीं ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी तीन देशों के प्रवास के दौरान 65 घंटों में 25 बैठकें करेंगे।
द्विपक्षीय संबंधों पर रहेगा जोर
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने पीएम मोदी की विदेश यात्रा से पहले कहा कि पीएम मोदी की यात्रा के दौरान इन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने के तरीकों पर चर्चा की होगी. उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत के दौरान यूक्रेन का मुद्दा भी चर्चा में उठेगा. क्वात्रा ने कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थितियों की पृष्ठभूमि में ऊर्जा सुरक्षा का मुद्दा महत्वपूर्ण है और यूरोपीय देशों के नेताओं के साथ बैठक में यह विषय चर्चा के लिए आएगा।
ऐसा रहेगा विदेश दौरा
अपने विदेश प्रवास की दौरान वह सोमवार को ही बर्लिन पहुंचेंगे, फिर जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात कर बर्लिन में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे. इसके बाद 3 मई को इंडो-नॉर्डिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. फिर डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगन में भी भारतीयों को संबोधित करेंगे. सबसे आखिर में पीएम मोदी पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात करेंगे. इस दौरान यूक्रेन को लेकर चर्चा हो सकती है. पीएम नरेंद्र मोदी ने जर्मनी, डेनमार्क, फ्रांस की यात्रा से पहले अपने बयान में कहा, ‘मेरी यूरोप यात्रा ऐसे समय हो रही है जब इस क्षेत्र को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.’