लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अराजकता, अव्यवस्था और असुरक्षा के चलते कानून व्यवस्था केवल कहने सुनने की बात रह गई है। भाजपा सरकार अपने संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन में पूर्णतया विफल है।
BJP में वहीं सुरक्षित जिनपर सत्ता संरक्षित अपराधियों की निगाह नहीं पड़ी
सपा सुप्रीमों ने अपने एक बयान में कहा कि भाजपा सरकार में अब वही सुरक्षित है जिस पर सत्ता संरक्षित अपराधियों की निगाह नहीं पड़ी है। अब तो कानून के रखवाले तक सुरक्षित नहीं हैं। मैनपुरी के करहल में दारोगा जी सोते रह गए और उनकी तकिये के नीचे से चोर सरकारी पिस्टल, 10 कारतूस और पर्स चुरा ले गए।
भाजपा सरकार में अपराधियों की हिम्मत बढ़ी
उन्होंने आगे कहा कि अपराधियों की हिम्मत यहां तक बढ़ गई है कि अब वे पुलिस वालों को अपनी गाडिय़ों से कुचल रहे हैं। हालात यहां तक बिगड़ गए हैं कि कानपुर में सिपाही की गर्दन रेत कर हत्या स्तब्ध करती है। बदायूं में पुलिस के उत्पीडऩ के चलते युवती ने फंदे से लटक कर जान दे दी। लखनऊ के दुबग्गा थाने में इंस्पेक्टर व सिपाहियों पर महिला पुलिस कर्मी से ही छेड़छाड़ की घटना सामने आई है।
अयोध्या के बीकापुर में 50 हजार रुपये न देने पर पुलिस ने पिता व बेटी की पिटाई कर दी। कन्नौज में सिपाही ने युवती को नशीला पदार्थ पिलाकर होटल ले जाकर दुष्कर्म किया। प्रदेश में कानून व्यवस्था को आदर्श बताने वालों के खोखले दावों की पोल दिन-प्रतिदिन खुलती रहती है।
इससे पहले अखिलेश यादव ने प्रदेश और केन्द्र सरकार पर हमलावर होते हुए कहा था कि भाजपा किसी ‘नैतिक-सलाहकार’ की सेवा लेकर अपने हर नेता, प्रवक्ता व कार्यकर्ता को समझाए कि ऐसा कुछ न बोलो जिससे देश का अमन-चैन बिगड़े व दुनिया में देश की छवि धूमिल हो। साथ ही भाजपा को अपने दल व संगठन में पदोन्नति का ये मानक भी बदलना पड़ेगा कि जो जितना बुरा बोलेगा,वो उतना ऊपर जाएगा!
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के एक बयान के बाद कानपुर में हिंंसा भड़की थी। समाजवादी पार्टी ने कानपुर में हुई हिंंसा के लिए भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबन की मांग की थी। जिसके बाद भाजपा ने नूपुर शर्मा को प्राथमिक सदस्या से निलंबित भी कर दिया था।