Conjunctivitis: मानसून के साथ-साथ कई बीमारियों ने भी जन्म ले लिया है, जिनमें से एक बीमारी ‘कंजंक्टिवाइटिस’ (Conjunctivitis है। ये बड़ी तेजी से आंखों को प्रभावित करती है, इन दिनों बच्चे से लेकर बूढ़े तक बड़ी संख्या में लोग आई फ्लू के चपेट में हैं, चूंकि यह एक तरह का संक्रमण है, इसलिए जो भी पीड़ित व्यक्ति के कॉन्टैक्ट में आता है, उनमें भी कंजंक्टिवाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इस संक्रमण से घबराएं नहीं, बल्कि सावधानी बरतें और बचाव करें। आइए जानते है आई स्पेशलिस्ट डॅा अनुराग टंडन से कि इस फ्लू के लक्षण और बचाव के उपाय…
कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) के प्रकार :
कॉन्जंक्टिवाइटिस यह 4 प्रकार के होते है-
1. वायरल कॉन्जंक्टिवाइटिस
यह रोग वायरस से होता है और इसमें आँखों में लालिमा और पानी बहने की समस्या होती है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। जिसके बाद यह रोग आसानी से दूसरे से तीसरे और फिर चौथे व पांचवें व्यक्ति में फैलने लगता है।
2. बैक्टीरियल कॉन्जंक्टिवाइटिस
इस प्रकार का कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है और यह आंखों के भीतर लाल और पानी बहने की समस्या के साथ जुड़ा होता है।
3. एलर्जिक कॉन्जंक्टिवाइटिस
यह रोग कई एलर्जी के कारण होता है, जैसे कि धूल, मिट्टी, पोलन, पशुओं के कत्ते आदि। इसमें आंखों की खुजली, लालिमा, और आंखों से पानी बहने की समस्या होती है।
4. रेखांकित कॉन्जंक्टिवाइटिस
इसमें आंखों के सफेद भाग पर रेखाएं बन जाती हैं, जिससे लाइट में देखने में परेशानी होती है।
Conjunctivitis : क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?
मौसम में नमी के कारण आंखों का संक्रमण यानी कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) फैलता है। कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति की आंखों का सफेद हिस्सा पूरी तरह से गुलाबी और लाल हो जाता है। आंखों में खुजली और दर्द होता है और आंखें सूज जाती है। लगातार पानी निकलता है। कभी-कभार विज़न ब्लर हो जाता है, सुबह पलकों पर पपड़ी जमने सहित कई परेशानियां देखने को मिलती है। इस बीमारी का आंखों की रोशनी पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है, हालांकि आपको कुछ समय के लिए धुंधला जरूर दिखाई दे सकता है।
आई स्पेशलिस्ट डॉ अनुराग टंडन के अनुसार, घर में कुछ आसान सी चीज़ें अपनाकर इसके संक्रमण को एक दूसरे में फैलने से रोका जा सकता है, हालांकि डॉ टंडन के अनुसार, ऐसी स्थिति में घरेलू उपचार कदापि न करें। कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) की तीव्रता काफी तेज होती है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। आंखों के इस रोग से संक्रमित होने की स्थिति में अपने मन से कोई भी दवा न लें।
कैसे करें अपना बचाव?
- अपने आँखों को साफ़ पानी से दिन में 7-8 बार धुलें.
- आंखों को बार-बार न छुएं
- आंखों की सफाई से काफी हद तक इससे राहत मिल सकती है.
- आंखों में इन्फेक्शन ज्यादा होने पर नजदीकी मेडिकल स्टोर से कोई नार्मल एंटीबायोटिक आई ड्रॉप का ही प्रयोग करें.
- इस संक्रमण में आंखों में हल्का दर्द भी होता है.
- ज्यादा दर्द होने पर उससे निजात पाने के लिए कोई पेन किलर ले सकते हैं.
- दर्द के लिए स्ट्रॉयड वाले आई ड्रॉप का प्रयोग बिल्कुल न करें, यह आँखों को नुकसान पहुंचाता है.
- किसी से भी अपना तौलिए, बिस्तर या रूमाल शेयर न करें
- पब्लिक स्विमिंग पूल में जाने से बचें
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रहें
- कॉन्टैक्ट लेंस से बचें
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रहें
- यदि कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) से एक दिन में राहत न महसूस हो, तो नजदीकी आंख के डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें
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