H3N2 Influenza Virus : महामारी कोरोना के आतंक के बाद अब देश में H3N2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) ने कहर मचाना शुरु कर दिया है। इस वायरस से देश में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा में H3N2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई है। उधर, कर्नाटक के हासन जिले में पहली मौत हुई है। इस वायरस के बढ़ते प्रकोप ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में आइए जानते है कि इस वायरस के लक्षण क्या है और इससे बचाव के क्या उपाय है।
H3N2 Influenza Virus : तेजी से बढ़ रहा है H3N2 का प्रकोप
भारत में पिछले कुछ महीनों में हजारों मामलों की रिपोर्ट करने वाले देश भर के अस्पतालों के साथ H3N2 इन्फ्लूएंजा का अचानक प्रकोप दर्ज किया गया है। H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है जिसे इन्फ्लूएंजा A वायरस कहा जाता है। यह एक श्वसन वायरल संक्रमण है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है।
H3N2 इन्फ्लुएंजा के लक्षण
एम्स-दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इन्फ्लूएंजा के मामले बुखार के साथ गले में खराश, खांसी, शरीर में दर्द और नाक बहने के लक्षण नजर आते है। इनके अलावा लक्षणों में दस्त, उल्टी और सांस फूलना भी शामिल है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मामलों में वृद्धि हुई है क्योंकि वायरस उत्परिवर्तित हुआ है और इसके खिलाफ लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा कि H3N2 वायरस अन्य की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण बनता है। ICMR ने कहा कि बुखार तीन दिनों के बाद चला जाता है, लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है।
उपचार और रोकथाम
ICMR ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को इस इन्फ्लूएंजा के प्रकोप में स्व-दवा और एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से बचने के लिए कहा था। आईसीएमआर ने बुखार और बदन दर्द की स्थिति में पैरासिटामोल के इस्तेमाल की सलाह दी है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वायरस को पकड़ने से रोकने का तरीका भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और शारीरिक दूरी बनाना है।
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