Narendra Modi Nick Name In China : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पीएम का जलवा बरकार है। भले ही चीन और भारत के रिश्ते लंबे समय से सहज नहीं रहे हैं, 2020 में हुई गलवान घाटी की हिंसक झड़प की घटना ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहद तनावपूर्ण बना दिया। लेकिन इसके बावजूद भी पीएम मोदी चीनी लोगों के बीच काफी पॅापुलर हैं। इतना ही नहीं चीनी नागिरक पीएम मोदी को निकनेम से भी बुलाते है और इस नाम का बड़ा ही खास अर्थ भी है। जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने, तो फिर चलिए जानते है कि चीनी क्या कहकर प्रधानमंत्री मोदी को बुलाते है।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजिंग के पत्रकार म्यू चुनशान ने द डिप्लोमैट के लिए लिखे अपने लेख में यह खुलासा किया है। चीनी सोशल मीडिया पर आधारित उनका लेख यह बताता है कि चीन की आम जनता भारत के बारे में क्या सोचती है और सोशल मीडिया पर अपने पड़ोसी देश के बारे में क्या बातें करती है।
भारत के बारे में और जानने को उत्सुक है चीनी नागरिक
चीनी पत्रकार का कहना है कि चीन के नागिरक कुल मिलाकर भारत से अनजान हैं लेकिन उनमें भारत के बारे में जानने की बड़ी इच्छा है। विशेष तौर पर चीनी नागिरक भारत की जाति व्यवस्था और हेल्थ केयर सिस्टम के बारे में जानने को बहुत उत्सुक है।
पीएम मोदी को दिया ये निकनेम
अपने लेख में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया। उन्होंने लिखा, ‘भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीनी इंटरनेट पर एक निकनेम है, मोदी लाओशिआन (Modi Laoxian), लाओशियान शब्द का इस्तेमाल ऐसे व्यक्ति के लिए होता है जो अमर हो और जिसके पास स्पेशल पावर हो। इस निकनेम का मतलब है कि चीन के सोशल मीडिया यूजर्स यह सोचते हैं कि पीएम मोदी अन्य नेताओं की तुलना में ‘अलग और अद्भुत’ हैं। वे उनके पहनावे और शारीरिक बनावट, दोनों की ओर इशारा करते हैं। उनकी कुछ नीतियां भारत की पिछली नीतियों से अलग हैं।’
चीनी नागरिकों को भारत और पश्चिम के बेहतर संबंध नहीं पसंद
चीन यूजर्स की प्रतिक्रियाओं से यह भी पता चलता है कि चीनी लोग भारत के पश्चिम के साथ बेहतर होते रिश्तों को देख जलते हैं. वे पसंद नहीं करते कि भारत और अमेरिका करीब आए। चीनी सोशल मीडिया यूजर्स का मानना है कि भारत और रूस के बीच काफी अच्छे संबंध हैं। यूजर्स का यह भी कहना है कि अमेरका यूक्रेन युद्ध को लेकर चीन और भारत के लिए दोहरे मापदंड लागू करता है।