Buddha Purnima 2025 : हर वर्ष वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध जयंती मनाई जाती है, इस दिन गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। महात्मा बुद्ध (Mahatma Buddha) को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है। आज बुध पूर्णिमा ((Buddha Purnima 2025) के इस खास अवसर पर हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जहां भगवान शिव और गौतम बुद्ध एक साथ विराजते हैं। ये दो धर्मों को जोड़ने वाला अद्भुत मंदिर है।
Buddha Purnima 2025 : यहां स्थित है मंदिर
दरअसल, हम जिस मंदिर की बात कर रहे है वो दार्जीलिंग की वादियों में ‘होली हिल’ के नाम से प्रसिद्ध स्थान पर स्थापित महाकाल मंदिर (Mahakal Temple Darjeeling) है। यहां हिंदू और बौद्ध धर्म के अनुयायी एक साथ पूजा-अर्चना करते हैं। महाकाल मंदिर में प्रवेश करते ही आपको स्वर्ग जैसी अनुभूति होने लगेगी। दार्जीलिंग की खूबसूरत वादियों के बीच बसा ये मंदिर बेहद ही खूबसूरत है।

भगवान शिव और बुद्ध के अलावा कई प्रतिमाएं स्थापित
यहां प्रवेश द्वार पर लगे घंटें और बौद्ध धर्म के प्रतीक फ्लैग संगीत, धर्म और सुंदरता का अनुपम उदाहरण है। महाकाल मंदिर में शिव जी और गौतम बुद्ध के अलावा छोटे-छोटे और भी मंदिर हैं। इनमें गणेश जी, काली माता, मां भगवती और हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित हैं। इसके अलावा यहां पर एक गुफा भी है जहां बौद्ध धर्म के अनुयायी प्रार्थना करते हैं।
दोनों ही धर्मों के पुजारी एक साथ करते हैं पूजा
महाकाल मंदिर हिंदू ऑर्किटेक्चर का बेहतरीन उदारण है। गोलाकार में निर्मित इस मंदिर के मध्य भाग में शिवलिंग है। वहीं प्रवेश द्वार पर नंदी बाबा विराजते हैं। शिवलिंग के बगल में ही गौतम बुद्ध की प्रतिमा है। दोनों ही धर्मों के पुजारी एक साथ पूजा-अर्चना करते हैं।

शिवरात्रि और बुद्ध जयंती पर लगती है भक्तों की भारी भीड़
वैसे तो इस मंदिर में हमेशा ही दर्शनार्थियों की भीड़ रहती है, लेकिन शिवरात्रि और बुद्ध जयंती (Buddha Purnima 2025) के मौके पर यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं।
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