वाराणसी। शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) के पांचवें दिन स्कंदमाता के दर्शन-पूजन का विधान है। स्कंदमाता अपने सौम्य रूप में वाराणसी के जैतपुरा में विराजमान हैं। सुबह से ही मां के दर्शन के लिए श्रद्धालु कतारबद्ध हैं। माता को चुनरी, नारियल के साथ उनकी प्रिय पीली वस्तु अर्पित कर रहे हैं। इनके दर्शन मात्र से जीवन में सुख, शान्ति और एकाग्रता आती है।
मंदिर के महंत हनुमान प्रसाद मिश्रा के पुत्र गोपाल मिश्रा ने बताया कि नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के दर्शन का विधान है जिनका मंदिर जैतपुरा में स्थित है। माता के दर्शन से संतान सुख की मनोकामना पूरी होती है इसलिए वर्ष भर इनके दर्शन को सुहागिनें मंदिर आती हैं।
उन्होंने बताया कि स्कंदमाता को कार्तिकेय बहुत प्यारे हैं इसलिए उन्हें स्कंदमाता कहा गया। साथ ही यहां उनकी गोद में कार्तिकेय विराजमान हैं।
दर्शन करने महिलाओं ने बताया कि साल में शारदीय नवरात्र के अलावा अन्य दिनों में भी माता के दर्शन के लिए हम लोग आते हैं और असीम सुख की प्राप्ति होती है ।