वाराणसी। आज से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2023) के पावन पर्व की शुरुआत हो गई है। नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री देवी के दर्शन का विधान है। वाराणसी (Varanasi) में इनका मंदिर अलईपुर में स्थित हैं, जहां देर रात से ही श्रद्धालु कतारबद्ध हो गए थे। मंगला आरती के बाद माता का दरबार श्रद्धालओं के लिए खोल दिया गया। माता का दर्शन रात तक चलेगा।
सुहागिनें मांगती है अंखड सौभाग्य का वरदान
मान्यता है कि सुहागिनें माता शैलपुत्री को सुहाग का सामान और गुड़हल का फूल अर्पित कर अखंड सौभाग्य का वरदान मांग रहीं हैं। माना जाता है कि इस दिन अगर आप मां शैलपुत्री के दर्शन करते हैं तो आपके वैवाहिक जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि नवरात्र के प्रथम दिन माता शैलपुत्री देवी के दर्शन का विधान है। इनकी पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती हैं। उन्होंने बताया की माता शैलपुत्री ने पहले राजा दक्ष के यहां सती अवतार लिया उसके बाद हिमालय के घर जन्मी इसलिए वो शैलपुत्री कहलायीं। मां शैलपुत्री के दर्शन करने से वैवाहिक जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
दर्शन करने पहुंची श्रद्धालु ने बताया कि हम अपने सुहाग की रक्षा के भविष्य की कामना लेकर यहां आये हैं और माता के दर्शन करेंगे। वहीं एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि वह हर हर साल मंदिर में दर्शन पूजन को आती हैं, जिससे उनके परिवार में सुख समृद्धि बनी रहे।