आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी पड़ती है। देवशयनी एकादशी को हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की खास पूजा-अर्चना की जाती है। इस वर्ष देवशयनी एकादशी रविवार को है।
मान्यता है कि इस दिन से आने वाले चार महीनों तक भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में इन चार महीनों के दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। इस दिन दान-पुण्य का खास महत्व होता है। मान्यता है कि आर्थिक तंगी दूर करने के लिए देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु का केसर मिले हुए दूध से अभिषेक करें। आइए जानते हैं देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि और महत्व….
देवशयनी एकादशी शुभ मुहूर्त-
एकादशी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 09, 2022 को 04:39 PM
एकादशी तिथि समाप्त – जुलाई 10, 2022 को 02:13 PM
व्रत पारणा टाइम- 11 जुलाई को 05:31 AM से 08:17 AM
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 11:13 AM
देवशयनी एकादशी पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।
भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐ
सा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।
इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।
सौभाग्य प्राप्ति के लिए ब्राह्मणों को दान जरूर दें।
इस दिन आपको दूसरों के प्रति घृणा, क्रोध, गलत विचारों व कर्मों से दूर रहना चाहिए।