Tuesday, March 11, 2025
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जानिए कब है शुक्र प्रदोष व्रत, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि…

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वैशाख माह के शुक्ल पक्ष का पहला प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) 13 मई शुक्रवार को पड़ रहा है। इस​ दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने और व्रत रखने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है। शुक्र प्रदोष की त्रयोदशी तिथि के प्रारंभ होने से पूर्व ही सिद्धि योग लगा हुआ है। प्रदोष व्रत में शाम की पूजा का महत्व है। इस दिन शुक्ल त्रयोदशी तिथि की शुरुआत शाम 5 बजकर 27 मिनट से हो रही है, जो 14 मई को दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक है। जानते हैं शुक्र प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व…

शुक्र प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त 

प्रदोष व्रत की पूजा सूर्योदय के बाद और रात्रि के प्रारंभ के पूर्व यानी प्रदोष काल में करते हैं। शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 04 मिनट से शुरु हो रहा है। यह मुहूर्त रात 09 बजकर 09 मिनट तक रहेगा।

शुक्र प्रदोष व्रत के दिन सिद्धि योग दोपहर 03 बजकर 42 मिनट से लग रहा है। इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। शुक्र प्रदोष के दिन आपको कोई नया कार्य प्रारंभ करना है, तो शुभ समय 11 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है।


पूजा विधि 

1. शुक्र प्रदोष व्रत के प्रात:काल स्नान आदि से निवृत होकर साफ वस्त्र पहन लें, फिर हाथ में जल, अक्षत् और फूल लेकर पूजा एवं व्रत का संकल्प करें. 

2. इसके बाद दिनभर फलाहार करें और भक्ति भजन करें, शाम के समय प्रदोष पूजा मुहूर्त में किसी शिव मंदिर या घर पर शिवलिंग की पूजा करें 

3. सबसे पहले शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करें, उसके बाद गाय के दूध से अभिषेक करें, फिर शहद, चंदन आदि चढ़ाएं।

4. अब फूल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, शक्कर, फल, वस्त्र, अक्षत् आदि अर्पित करें। इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करें।

5. इसके पश्चात शिव चालीसा, ​शुक्र प्रदोष व्रत का पाठ करें. पूजा का समापन भगवान शिव की आरती से करें।

6. आरती के बाद भगवान शिव से अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें।

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