वाराणसी। उत्तर प्रदेश के अभियोजन विभाग के डीजी व वाराणसी सहित कई अन्य जिलों में पुलिस महकमे के सर्वोच्च पदों पर तैनात रहे तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी आशुतोष पांडे गुरुवार को बनारस दौरे पर पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने जिले के अभियोजन से जुड़े सीनियर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने बताया कि पूरे उत्तर प्रदेश में वाराणसी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि काशी के अभियोजन अधिकारियों ने सराहनीय कार्य किया है। इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
इस उपलब्धि के लिए उन्होंने वाराणसी के जिला शासकीय अधिवक्ता आलोक चन्द्र शुक्ला (क्रिमिनल) व ज्वाइंट डायरेक्टर (प्रशिक्षण) भानु प्रताप पांडे का विशेष योगदान बताया। समीक्षा बैठक के बाद डीजी आशुतोष पांडे का डीजेसी क्रिमिनल आलोक चन्द्र शुक्ला सहित विभाग के अन्य अभियोजन अधिकारियों ने अंगवस्त्रम और श्री काशी विश्वनाथ का चित्र भेंटकर भव्य सम्मान किया गया। अपने इस सम्मान से वे काफी अभिभूत दिखे।
बता दें कि बनारस में डीजेसी क्रिमिनल के पद पर अपनी नियुक्ति के बाद से ही आलोक चन्द्र शुक्ला ने यहां के डिस्ट्रिक्ट समेत कई अन्य महत्वपूर्ण कोर्ट में चल रहे अपराध के संगीन व चर्चित मामलों में सरकार की तरफ से जोरदार पैरवी की जिसका परिणाम यह रहा कि कई हार्ड कोर क्रिमिनल को सजा मिली।वहीं एक युवती से दुष्कर्म के आरोप में नैनी जेल में बंद बसपा सांसद अतुल राय के जमानत अर्जी के विरोध में इनके द्वारा दी गई दलील को न्यायालय ने उचित ठहराया।
इसी मामले में काफी भागदौड़ से मायूस होने के बाद पीड़िता व उसके साथी युवक ने देश की सर्वोच्च न्यायालय की चौखट पर आत्मदाह कर लिया था जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी। बनारस की जिला अदालत में डीजेसी आलोक चन्द्र शुक्ला ने इस घटना से संबंधित कई साक्ष्य प्रस्तुत किए जिसके बाद यहां के तत्कालीन एक सीओ को इस मामले में पद के दुरुप्रयोग करनेे के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
इसी केस में डीजेसी क्रिमिनल ने साक्ष्य के आधार पर लखनऊ के सेवामुक्त एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के भी आरोपी अतुल राय की मदद के लिए किए गए षडयंत्र का खुलासा किया था। जिस पर लखनऊ की पुलिस ने उन्हें आरोपी बनाकर जेल भेजा था। इन सब परफार्मेंस को देखते हुए बनारस के जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी को बड़े अफसरानों ने कई बार सम्मान से नवाजा था।