Sunday, September 22, 2024
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UP-STF को मिली बड़ी सफलता, वाराणसी से सेना भर्ती करवाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित दो गिरफ्तार

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वाराणसी। सेना भर्ती को लेकर अक्सर जालसाजी सामने आती है पर उसके बावजूद लोग ऐसे लोगों के जाल में आसानी से फस जाते हैं। ऐसे ही युवाओं को ठगने वाले दो जालसाजों को बुधवार को UP-STF ने वाराणसी से पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। पकड़े गए अभियुक्तों में एक इस गैंग का सरगना और दूसरा उसका गुर्गा है। इन्हे वाराणसी कैंटोनमेंट एरिया से पकड़ा गया है।

झारखंड के हैं जालसाज

UP-STF ने जालसाजों की शिनाख्त क्रमशः अमित कुमार चौधरी निवासी कोकर, रांची, झारखंड और सचिन कुमार पांडेय निवासी न्यू हैदर बली रोड, बजरग नगर, रांची, झारखंड के रूप में की है। फिलहाल एसटीएफ ने आवश्यक पूछताछ के बाद दोनों को कैंट थाने की पुलिस को सौंप दिया है। STF की वाराणसी इकाई के एडिशनल एसपी विनोद सिंह ने बताया कि दोनों के पास से 5 फेक नियुक्ति पत्र और 7000 हजार रुपये और एक लग्जरी कार भी बरामद हुई है।

छावनी के डाकबंगले में होती थी नियुक्ति

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश एसटीएफ को सूचना मिली थी कि वाराणसी सहित अन्य जिलों में सेना भर्ती के नाम पर एक गैंग बेरोजगार युवाओं को ठग रहा है। इसपर हमने टीम गठित कर कार्य शुरू किया जिसपर सर्विलांस और मुखबिरों ने सूचना दी कि आर्मी भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के लोगों ने कई जनपदों के युवाओं को छावनी के डाक बंगले में बुलाया है। इसपर छापेमारी की गयी तो सरगना और अन्य वहां से जा चुके थे।

मिलिट्री इंजिनियरिंग सर्विस के नाम पर दिया था झांसा

इसपर डाक बंगले में मौजूद युवाओं ने बताया की सरगना अमित अभी निकला है और उसकी कार का नंबर दिया जिसके बाद उन्हें कुछ ही देर मे छावनी इलाके से ही गिरफ्तार कर लिया गया। सीओ एसटीएफ ने बताया कि पूछताछ में अमित ने कहा कि उसका अंतरराज्यीय गिरोह है। छावनी क्षेत्र स्थित डाक बंगले में कमरा बुक करा कर वह विभिन्न राज्यों के लड़कों को मिलिट्री इंजिनियरिंग सर्विस (MES) में भर्ती के नाम पर बुलाया था। उसने सभी का फिंगर प्रिंट लिया था। इसके बाद कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल से मेडिकल कराया था।

एक से 2 लाख लेते थे एडवांस

इस काम के लिए एडवांस 1 से 2 लाख रुपए पहले वह लेते है। मेडिकल कराने के बाद 4 लाख रुपए फिर लेता है। पैसा मिल जाने के बाद फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र संबंधित लड़के के पते पर पोस्ट से भेजा जाता है। बताया कि उसके गैंग का सदस्य राकेश कुमार बिष्ट MES की फर्जी आईडी दिखाकर लडकों को फंसाकर लाता है। फिलहा एसटीएफ इनके अन्य संबंधों की तलाश में लग गया है।

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