Sri Krishna Janmabhoomi Trust : श्रीकृष्ण जन्मस्थल मामले में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया। इस मामले में अब तक चुप बैठे श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ( Sri Krishna Janmabhoomi Trust) ने पहली बार ईदगाह की भूमि पर अपना दावा किया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन रुचि तिवारी के न्यायलय में वाद दायर कर कहा, सेवा संघ भूमि का मालिक ही नहीं है तो उसने समझौता कैसे कर लिया।
ट्रस्ट ( Sri Krishna Janmabhoomi Trust) ने शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी से 1968 में हुए समझौते और इस आधार पर 1974 में हुई डिक्री को रद करने की न्यायालय से प्रार्थना की है। साथ ही, मुस्लिमों के ईदगाह में प्रवेश पर रोक के साथ ही उसे हटाए जाने की भी मांग की है। मामले में शाही मस्जिद ईदागाह कमेटी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया है।
भगवान बालकृष्ण केशवदेव विराजमान गर्भगृह की ओर से ट्रस्टी विनोद कुमार बिंदल और श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ( Sri Krishna Janmabhoomi Trust) की ओर से ट्रस्टी ओमप्रकाश सिंह ने वाद दायर किया है। जिसमें कहा गया है कि केशव टीला स्थित 13.37 एकड़ भूमि में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मंदिर और ईदगाह बनी है।
पूरी भूमि का मालिकाना हक Sri Krishna Janmabhoomi Trust के पास है। सेवा संघ को केवल ट्रस्ट के कार्यों को संपादित करने के लिए रखा गया था। कहा कि समझौते को लेकर 1973 और 1974 में हुई डिक्री भी अवैध है। अदालत में वाद दायर कर 1968 के समझौते को भी निरस्त करने की मांग की गई है। ट्रस्ट ने कहा कि भूमि के मालिक हम है, सेवा संघ ने कैसे समझौता कर लिया।
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