Eye Flu : मानसून के साथ-साथ कई बीमारियों ने भी जन्म ले लिया है, जिनमें से एक बीमारी ‘कंजंक्टिवाइटिस’ (Conjunctivitis) है। जो बड़ी तेजी से आंखों को प्रभावित कर रही है, इन दिनों छोटे बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी बड़ी संख्या में इसकी चपेट में है। आलम यह है कि अस्पतालों में इस बीमारी के मरीजों की संख्या हर दिन पर दिन बढ़ती जा रही है, चूंकि यह एक तरह का संक्रमण है, इसलिए जो भी पीड़ित व्यक्ति के कॉन्टैक्ट में आ रहा है उन्हें भी कंजंक्टिवाइटिस (Eye Flu) हो जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तरभारत के कई राज्यों से लेकर गुजरात तक ये बीमारी बड़ी तेजी से फैल रही है।
Eye Flu : कॉन्जंक्टिवाइटिस के प्रकार :
कॉन्जंक्टिवाइटिस यह 4 प्रकार के होते है-
वायरल कॉन्जंक्टिवाइटिस
यह रोग वायरस से होता है और इसमें आँखों में लालिमा और पानी बहने की समस्या होती है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को फैलता है। जिसके बाद यह रोग आसानी से दूसरे से तीसरे और फिर चौथे व पांचवें व्यक्ति में फैलने लगता है।
बैक्टीरियल कॉन्जंक्टिवाइटिस
इस प्रकार का कॉन्जंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है और यह आंखों के भीतर लाल और पानी बहने की समस्या के साथ जुड़ा होता है।
एलर्जिक कॉन्जंक्टिवाइटिस
- यह रोग कई एलर्जी के कारण होता है, जैसे कि धूल, मिट्टी, पोलन, पशुओं के कत्ते आदि। इसमें आंखों की खुजली, लालिमा, और आंखों से पानी बहने की समस्या होती है।
रेखांकित कॉन्जंक्टिवाइटिस
- इसमें आंखों के सफेद भाग पर रेखाएं बन जाती हैं, जिससे लाइट में देखने में परेशानी होती है।
आंख की इस बीमारी को हल्के में न लें
डॉक्टरों का कहना है कि बारिश के मौसम में टेम्परेचर कम हो जाता है और ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है, जिससे कई तरह के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो आई फ्लू जैसी बीमारियों का कारण बनते हैं। अधिकतर मामलों में आई फ्लू कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन अगर लक्षण लंबे समय तक बने हुए हैं और इलाज न कराया तो ये आंखों को नुकसान भी पहुंचा सकता है, ऐसे में आंखों की इस बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
एम्स में रोजाना 100 से अधिक मरीज आ रहे
एम्स नई दिल्ली के आरपी सेंटर के प्रमुख डॉ. जे. एस तितियाल के अनुसार डिपार्टमेंट की ओपीडी में आई फ्लू (Eye Flu) के रोज 100 से ज्यादा केश आ रहे हैं। अधिकतर लोगों में ये संक्रमण कुछ हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन अगर इसमें बैक्टीरिया का इंफेक्शन हो गया तो लक्षण गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में लोगों को सलाह है कि आंखों में दर्द या इनके लाल होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
लापरवाही न बरतें, खुद दवा लेने से बचें
दिल्ली में सर गंगाराम हॉस्पिटल में आई डिपार्टमेंट के एचओडी प्रोफेसर डॉ. एके ग्रोवर के अनुसार आई फ्लू होने पर खुद से कोई दवा लेने से बचें। इस स्थिति में डॉक्टर से सलाह ले, अगर लग रहा है कि आंखों में दर्द और लालिमा बढ़ती जा रही है तो ये संकेत हैं कि ये संक्रमण गंभीर रूप ले रहा है। इस स्थिति में आपको हॅास्पिटल जाना चाहिए।
जिन लोगों को पहले से ही आंखों की कोई बीमारी है उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। इससे रोशनी कम होने का भी रिस्क हो सकता है। वहीं कुछ लोग घरेलू इलाज में भी लगे रहते हैं, लेकिन आई फ्लू के मामलों में ऐसा करने से बचे। इस परेशानी में आपको आंखों के डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
आंखों में तेज दर्द
आंखों से लगातार पानी आना
आंखों का लाल होना
बहुत ज्यादा खुजली होना
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