Deepfake AI Technology : सोशल मीडिया पर इन दिनों डीपफेक वीडियो का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अभी हाल ही में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना (Rashmika Madnana) का एक डीपफेक (Deepafake)वीडियो खूब वायरल हुआ, इस वीडियो को लेकर अमिताभ बच्चन ने भी चिंता जताई है। इसके बाद आज कटरीना कैफ की एक डीपफेक फोटो सामने आ रही है। इसके अलावा कई राजनेताओं और सितारों के डीपफेक वीडियोज अक्सर सामने आते रहते है। वहीं तेलंगाना में भी कुछ नेताओं के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बने वीडियो वायरल हो रहे हैं। ये वीडियोज और फोटोज ऐसे है जिसे देखकर जल्दी कोई नहीं समझ पाएगा कि ये रीयल है या फेक। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि ये Deepfake AI Technology क्या होती है ये क्यों खतरनाक है? कैसे इसकी इसके मदद से इस तरह के कंटेट बनाए जा रहे है और इससे आप खुद को कैसे बचाए।
Deepfake AI Technology : क्या होती है डीपफेक टेक्नोलॅाजी?
डीपफेक (Deepfake AI Technology) किसी मीडिया में बारीकी से बदलाव करने वाली टेक्नोलॉजी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए ऐसा किया जाता है, जिससे रियल वीडियो में दूसरे के चेहरे को फिट कर फेक वीडियो या फोटो बनाया जाता है और जो रियल लगता है। इसे डीप लर्निंग भी कहा जाता है। AI के जरिए जब नया वीडियो बनता है तो लोगों के लिए डीपफेक वीडियो की असलियत को पहचानना काफी मुश्किल हो जाता है।
इस डीपफेक टेक्नोलॉजी (Deepfake AI Technology) के जरिए किसी इंसान के चहरे, आवाज आदि का यूज करते हुए नकली फोटो, वीडियो या ऑडियो तैयार किया जाता है। ये टेक्नोलॉजी सबसे ज्यादा फेक वीडियो के लिए यूज होती है। एक वीडियो के साथ छेड़छाड़ करते हुए उसपर रश्मिका मंदाना का चेहरा दिखाया गया है। इस वायरल वीडियो में मंदाना का चेहरा ब्रिटिश-भारतीय महिला ज़ारा पटेल के साथ बदल दिया गया था जिसे लोग रियल मानने लगे थे।
From a deepfake POV, the viral video is perfect enough for ordinary social media users to fall for it. But if you watch the video carefully, you can see at (0:01) that when Rashmika (deepfake) was entering the lift, suddenly her face changes from the other girl to Rashmika. (3/3)
— Abhishek (@AbhishekSay) November 5, 2023
सरकार भी सख्त
इस वायरल वीडियो के बाद सरकार की ओर से भी बयान जारी किया गया है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी इंटरनेट यूज करने वाले सभी डिजिटल नागरिक की सुरक्षा और भरोसे को सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि डीपफेक लेटेस्ट और सबसे खरतनाक और इससे डील करने की जरूरत है।
PM @narendramodi ji's Govt is committed to ensuring Safety and Trust of all DigitalNagriks using Internet
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) November 6, 2023
Under the IT rules notified in April, 2023 – it is a legal obligation for platforms to
➡️ensure no misinformation is posted by any user AND
➡️ensure that when reported by… https://t.co/IlLlKEOjtd
ओबामा और जुकरबर्ग भी हो चुके है शिकार
बता दें कि, अधिकांश डीपफेक वीडियो एडल्ट कंटेट होते है। साथ ही इसका यूज लोगों को झूठा बताने और राजनेताओं की डिजिटल रूप से परिवर्तित क्लिप भी वायरल की जाती है। कुछ साल पहले, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को व्यापक रूप से प्रसारित एक डीपफेक वीडियो में डोनाल्ड ट्रम्प को पूरी तरह से मूर्ख कहते हुए देखा गया था। इसी तरह, मेटा प्रमुख मार्क जुकरबर्ग को ऐसे ही एक अन्य वीडियो में “अरबों लोगों के चुराए गए डेटा पर पूरा कंट्रोल” होने का दावा करते देखा गया था।
इस एक्ट के तहत हो सकती है कार्रवाई
डीपफेक वीडियो से पूरी तरह निपटना वाकई बहुत ही मुश्किल है, हालांकि, सरकार ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) एक्ट, 2000 के तहत इस तरह के मामलों को रोकने के लिए प्रावधान किए हैं। IT नियम 2021 के तहत सरकार ट्रैसेबिलिटी प्रोविजन का यूज कर सकती है। इसके तहत सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से उस व्यक्ति की जानकारी मांग सकती है, जिसने सबसे पहले फेक न्यूज, डीपफेक वीडियो या गलत जानकारी शेयर की है।
खासतौर पर डीपफेक के मामले में IT एक्ट 2000 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। अगर किसी व्यक्ति की पर्सनैलिटी के साथ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में छेड़छाड़ की जाती है, या उसका भ्रामक या आपत्तिजनक पोस्ट शेयर किया जाता है तो सेक्शन 66C, 66E और 67 के तहत कार्रवाई हो सकती है। इसमें जुर्माना और जेल की सजा प्रावधान भी है।
Deepfake AI Technology से कैसे बचें
डीपफेक वीडियो की पहचाना काफी मुश्किल काम है। कहीं आप डीपफेक के शिकार ना हो जाएं, इसके लिए सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीर या वीडियो शेयर करते हुए थोड़ा सावधान रहें। अगर आपके साथ डीपफेक जैसी कोई चीज होती है, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल में कंप्लेंट करें।
इन तरह से डीपफेक कंटेंट का लगा लगा सकते हैं पता
स्किन और बॉडी पार्ट्स के बीच कलर आदि का अंतर.
आंख के आसपास परछाईं.
लगातार या अजीब तरह से आंख झपकना.
चश्मा अजीब तरह से दिखना.
मुंह और चेहरे का हावभाव अलग तरह से नजर आना.
चेहरे के साथ होंठों का तालमेल ना होना.
चेहरे के साथ बालों का मैच ना होना.
फेस पर अजीब या नकली तिल नजर आना.
इन संकेतों से आपको डीपफेक वीडियो की असलियत पहचानने में मदद मिल सकती है.
देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने और अपडेट रहने के लिए आप हमें Facebook Instagram Twitter YouTube पर फॉलो व सब्सक्राइब करें।
Join Our WhatsApp Group For Latest & Trending News & Interesting Facts