Sunday, December 22, 2024
spot_img
spot_img
HomeInteresting FactsChandrayaan-3 : अब से कुछ ही घंटों में विक्रम लैंडर करेगा चंद्रमा...

Chandrayaan-3 : अब से कुछ ही घंटों में विक्रम लैंडर करेगा चंद्रमा पर लैंडिंग, जानें 1972 के बाद से अब तक क्यों नहीं गया कोई चांद पर

spot_img
spot_img
spot_img

Chandrayaan-3 : आज भारत समेत पूरे दुनिया की निगाहे चंद्रयान-3 की लैंडिग पर टिकी हुई है। हर कोई चांद की सतह पर विक्रम लैंडर के सफल लैंडिग की कामना कर रहा है। आज सभी देशवासियों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जब 40 दिनों की यात्रा पूरी करने के बाद चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) का रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। चांद की ओर भारत का यह तीसरा मिशन है। भारत ने अगर इस कोशिश में सफलता हासिल कर ली तो वो दुनिया का चौथा देश बन जाएगा जिसने इस क्षेत्र में उपलब्धि हासिल कर ली है। बता दें कि 1972 के बाद अबतक कोई मनुष्य चांद पर नहीं पहुंचा, लेकिन क्या आप जानते है ऐसा क्यों इसके पीछे कि क्या वजह है। आइए इसके पीछे का कारण और मिशन के बारे में आपको डिटेल्स में बताते है।

Chandrayaan-3 : इससे पहले भारत ने दो बार किया था प्रयास

इससे पहले 22 अक्टूबर 2008 को भारत ने चंद्रयान-1 को लॉन्च किया था,लेकिन 14 नवंबर 2008 को जब चंद्रयान-1 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सीमा के पास पहुंचा तो वहां वो दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसके बाद दूसरी कोशिश 22 जुलाई 2019 को की गई, लेकिन 2 सितंबर 2019 को चंद्रयान-2 चंद्रमा की ध्रुवीय कक्षा में चांद के चक्कर लगाते वक्त लैंडर विक्रम से अलग हो गया, लेकिन चांद की सतह से जब वह 2.1 किलोमीटर की दूरी पर था तो उसका जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया।

Chandrayaan-3

जानें 1972 के बाद चांद पर कोई क्यों नहीं गया?

21 जुलाई 1969 की तारीख ये दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज सबसे बड़ा दिन था, क्योंकि इस दिन पहली बार किसी मनुष्य ने चांद पर अपने कदम रखे थे और वो महान इंसान थे नील आर्मस्ट्रॉन्ग। इनके बाद आखिरी बार चांद पर 1972 यूजीन सेरनन गए थे। यूजीन आखिरी इंसान थे जो चांद पर गए थे। इसके बाद आज तक कोई भी इंसान चांद पर नहीं गया। अब सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? क्यों इसके बाद किसी भी देश ने किसी इंसान को चांद पर क्यों नहीं भेजा? इसके पीछे का कारण क्या था? तो आइए जानते है…

इस कारण नहीं गया कोई चांद पर

चांद पर 1972 के बाद किसी इंसान को ना भेजने के पीछे सबसे बड़ा कारण पैसा था। बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, लॉस एंजेलिस के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में खगोल विज्ञान के प्रोफेसर माइकल रिच कहते हैं, “चांद पर इंसानी मिशन भेजने में काफी खर्च आया था, जबकि इसका वैज्ञानिक फायदा कम ही हुआ.”

दरअसल, साल 2004 में अमेरिका ने एक बार फिर से प्लान किया था कि वह चांद के लिए इंसानी मिशन प्लान करेगा. इसके लिए तत्कालिन राष्ट्रपति डब्ल्यू जॉर्ज बुश ने प्रस्ताव भी पेश किया। इसके लिए 104,000 मिलियन अमरीकी डॉलर का अनुमानित बजट भी बनाया गया, लेकिन बजट काफी ज्यादा होने के चलते इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

बता दें कि, स्पेस एजेंसी के अनुसार चंद्रयान का लैंडर विक्रम 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर लैंड करेगा। चंद्रयान (Chandrayaan-3) की साफ्ट लैंडिग इसरो कई प्लेटफॅार्म पर लाइव दिखाएगा। आप इसरे की ऑफिशियल वेबसाइट isro.gov.in या यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज, डीडी नेशनल टीवी चैनल समेत कई कई प्लेटफॅार्म पर देख सकते है।

देश-विदेश की ताजा खबरें पढ़ने और अपडेट रहने के लिए आप हमें Facebook Instagram Twitter YouTube पर फॉलो व सब्सक्राइब करें

Join Our WhatsApp Group For Latest & Trending News & Interesting Facts

spot_img
RELATED ARTICLES

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

Most Popular

spot_img

Recent Comments

Ankita Yadav on Kavya Rang : गजल